Explainer: संसद पर हमले की चार साल से चल रही थी प्लानिंग! जांच समिति का क्या होगा काम यूएपीए के तहत कार्रवाई

Lok Sabha Security Breach: संसद में बड़ी चूक का मामला सामने आया है. इस मामले की जांच के लिए एक समिति का गठन किया गया है. जो पूरे मामले की जांच करेगी.

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Lok Sabha Security Breach: 13 दिसंबर 2001 को संसद पर हुए आतंकवादी हमले की बरसी थी, जहां एक तरफ सब लोग उस हमले में मारे गए लोगों को याद कर रहे थे, वहीं ,दूसरी तरफ लोकसभा और संसद परिसर के बाहर एक बड़ी सुरक्षा चूक का मामला सामने आया. बीते दिन करीब 1 बजे दो युवक सागर शर्मा और मनोरंजन डी. दर्शक दीर्घा से सदन के अंदर कूद गए और अपने जूते में छुपाकर लाए रंगीन धुएं वाले पटाखे छोड़ दिए. इस मामले के बाद पूरे सदन में अफरातफरी का माहौल बन गया. हालांकि इस मामले में 6 लोगों के शामिल होने की जानकारी थी, जिनको गिरफ्तार कर लिया गया है. 

कैसे की प्लानिंग?

संसद में हमले की इस घटना के तार दूर तक जुड़े हो सकते हैं. इस घटना को अंजाम देने वाले 6 लोग थे, जिनको गिरफ्तार कर लिया गया है. मिली जानकारी के मुताबिक, अमोल महाराष्ट्र के लातूर और नीलम हरियाणा के जींद की निवासी हैं. वहीं, सागर लखनऊ और मनोरंजन मैसुरु का रहने वाला है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस हमले को अंजाम देने की तैयारी बहुत दिनों से चल रही थी. जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है उनके खिलाफ धारा-120बी और यूएपीए के तहत कार्रवाई की जा रही है.  

अंदर कैसे पहुंचे हमलावर?

संसद के अंदर आम नागरिक का जाना आसान नहीं होता है उसके लिए एक पास की जरूरत होती है. इस दोनों आरोपियों के पास वो परमिशन वाला स्पेशल पास था, जानकारी के मुताबिक, सांसद प्रताप सिम्हा की सिफारिश पर दोनों ने दर्शक दीर्घा में प्रवेश के लिए पास बनवाए थे. इस पूरे मामले की जांच को लेकर लोकसभा सचिवालय के अनुरोध पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक टीम बनाई है, जिसकी अध्यक्षता सीआरपीएफ के महानिदेशक (डीजी) अनीश दयाल सिंह के साथ अन्य सुरक्षा एजेंसियों के सदस्य और विशेषज्ञ भी शामिल होंगे. 

शांति से चल रही थी लोकसभा की कार्यवाही

जिस वक्त ये हमला हुआ उस वक्त संसद में सब शांति से चल रहा था. इसी बीच अचानक से एक युवक रेलिंग पर चढ़ गया और वहीं से नीचे कूद गया, इस युवक के कूदने के बाद सबको लगा कि वो दूसरे शख्स को पकड़ने के लिए नीचे आ रहा है, लेकिन कुछ देर में सब समझ गए कि ये दोनों एक साथ ही हैं. इस दौरान दर्जनों सांसदों ने एक साथ मिलकर फनको घेरा और पकड़ कर सिक्योरिटी को सौंप दिया. 

पूरा सदन हुआ धुआं-धुआं

युवकों के सामने आने के बाद पूरे सदन में अफरातफरी का माहौल बन गया. हमलावरों को पकड़ने के लिए सब इधर उधर भागने लगे, इसी बीच हमलावर ने स्मोक क्रैकर जला दिए. संसद के अंदर ये स्मोक क्रैकर वो अपने जूते में छुपाकर लाए थे. जिसके जलने के बाद पूरे संसद में पीला धुआं फैल गया. इसके बाद दोनों को सुरक्षाकर्मियों ने पकड़ लिया. 

सबकुछ हुआ योजना के मुताबिक?

हमले के बाद जब सारे पहलुओं को जोड़कर देखा जा रहा है तो इसमें एक बात सामने आ रही है कि इस घटना को बहुत ही सोच समझकर अंजाम दिया गया है. संसद भवन के बाहर उसी समय पर ध्यान भटकाने के लिए नीलम ने नारेबाजी की और दूसरे साथी ने कलर स्मोक क्रैकर फोड़ा. इसी दौरान एक साथ वीडियो बनाने का काम कर रहा था. उनके एक साथी को पकड़ने में पुलिस इधर उधर दौड़ रही थी. 

संसद के बाहर लगाए नारे

नीलम नाम की महिला ने संसद के बाहर 'तानाशाही नहीं चलेगी', 'जय भीम, जय भारत' के नारे लगाए, जिसके बाद उसको गिरफ्तार कर लिया गया. लेकिन अभी तक इस बात का पता नहीं चल पाया है कि वो ये सब क्यों कर रही थी. जानकारी के मुताबिक, ये महिला किसी भी संगठन से नहीं जुड़ी है. उसका कहना है कि लोगों का दमन किया जा रहा है, उन्हें पीटा जा रहा है और जेलों में डाला जा रहा है. ये बात उसने मीडिया से कही. 

संसद के अंदर जाने का था सबका प्लान

हमलावरों का पहले प्लान कुछ और था, जानकारी के मुताबिक, ये सभी संसद के अंदर जाना चाहते थे, लेकिन 6 में से सिर्फ दो को ही पास मिल सके. इसकी वजह से ये सब अलग अलग बंट गए. सूत्रों से मिली खबर में पता चला है कि 'सभी ने योजना को कुछ दिन पहले ही बनाया था और बुधवार को संसद की रेकी भी की थी. ये सभी पांच लोग विक्रम के घर पर रुके थे. 

रोजगारी जैसे मुद्दों से थे नाराज 

इस मामले में आरोपी अमोल शिंदे से जब पूछताछ की गई तो उसने बताया कि वो सभी लोग 4 सालों से एक दूसरे को जानते थे. सबकी विचारधारा एक जैसी होने की वजह से उन्होंने इस तरह के हमले का प्लान बनाया. पूछताछ में पता चला है कि ये सभी लोग किसानों के विरोध प्रदर्शन, मणिपुर संकट, बेरोजगारी जैसे मुद्दों से नाराज थे जिस सजह से इस घटना को अंजाम दिया गया. सलेकिन इसस मामले में अब भी बहुत सी चीजे सामने आनी बाकी हैं, क्योंकि कहा ये जा रहा है क् इस हमले के तार कहीं और से भी जुड़े हो सकते हैं. 

जांच समिति का क्या रहेगा काम?

केंद्रीय गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि सीआरपीएफ महानिदेशक अनीश दयाल सिंह की अध्यक्षता वाली समिति सुरक्षा उल्लंघन के कारणों का पता लगाएगी और साथ ही कमियों की पहचान भी करेगी. कमेटी आगे की कार्रवाई की अनुशंसा करेगी. ये समिति इस बात का पता लगाएगी कि उस तरह का हमला होने की क्या वजह रही?
 
आतंकी हमले की बरसी वाले दिन हुई ये घटना 

बुधवार को दोनों सदनों की कार्यवाही शुरू होने से पहले परिसर में 22 साल पहले 2001 में हुए आतंकी हमले में मारे गए शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई. इसके बाद कार्यवाही तय कार्यक्रम के अनुसार चल रही थी. लोकसभा में दर्शक दीर्घा में कई लोग मौजूद थे. इन्ही में से ये हमलावर निकलकर सामने आए.  First Updated : Thursday, 14 December 2023