PM मोदी ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा का अनावरण कर, बोले- यह सच्ची पंथ निरपेक्षता है

पीएम नरेंद्र मोदी के साथ बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा और केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित की...

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पीएम नरेंद्र मोदी के साथ बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा और केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित की. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "आज हम सबके प्रेरणास्रोत पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जन्म जयंती का पावन अवसर, एक प्रेरक अवसर हम सबके लिए हमेशा प्राण शक्ति देता आया है."

पीएम मोदी दीनदयाल के विचारों को लेकर कही ये बात

पीएम मोदी ने कहा कि, मुझे हमेशा एक बात का गर्व होता है कि जिस दीनदयाल के विचारों को लेकर हम जी रहे हैं, उनसे प्रेरणा पाकर हम जी रहे हैं, मेरे लिए वो बहुत महान व्यक्तित्व, उनके चरणों में बैठने का सौभाग्य मिलना, यह अपने आप में बहुत बड़ी बात है.

पीएम मोदी ने कहा कि, "ये प्रतिमा दीनदयाल द्वारा दिए गए एकात्म मानवदर्शन की प्रेरणा बनेगी. ये प्रतिमा हमें हमारे अंत्योदय के संकल्प की याद बार-बार दिलाती रहेगी. ये प्रतिमा इस बात की भी प्रतीक बनेगी कि हमें देश में राजनैतिक सुचिता को हमेशा जीवंत बनाए रखना है. मैं इस अवसर पर उनके चरणों में नमन करता हूं. देश ने एक ऐसा काम भी पूरा किया है जिसने इस अवसर का संतोष और बढ़ा दिया है. पिछले सप्ताह ही भाजपा के नेतृत्व में संसद में नारी शक्ति वंदन अधिनियम पास हुआ है. यह कदम न हमारे लोकतंत्र की जीत है, बल्कि भारतीय जनता पार्टी के तौर पर वैचारिक जीत भी है."

एक ओर भावना और मोह खिंचते हैं तो दूसरी ओऱ...

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, "पंडित दीनदयाल का परिवार समस्याओं से घिरा हुआ था, उनके मामा जी चाह रहे थे कि वो समाज कार्यों को छोड़कर वे घर वापस आ जाएं, कोई नौकरी ज्वाइन कर ले. तब दीनदयाल ने एक पत्र लिख था- जिसमें उन्होंने कहा था एक ओर भावना और मोह खिंचते हैं तो दूसरी ओर प्राचीन ऋषियों और हुतात्माओं की आत्मा पुकारती है.

उन्होंने व्यक्तिगत, पारिवारिक जिम्मेदारियों की जगह राष्ट्र के प्रति कर्तव्य का मार्ग चुना. उन्होंने हमेशा समाज के अंतिम पायदान तक खड़े व्यक्ति की बात की थी. यही उनके अंत्योदय का संकल्प था. इस संकल्प के साथ चलते हुए हमने 9 वर्षों में गरीबों के उत्थान के लिए कदम उठाए हैं, ताकि उनके समग्र विकास का संकल्प पूरा हो सके. 

दीनदयाल के सात सूत्रों को उतारने का किया आग्रह

पीएम मोदी ने कहा कि, हमारा ये सेवा अभियान, सामाजिक न्याय का बहुत बड़ा माध्यम है और यही सच्ची पंथ निरपेक्षता है. हमेशा से कार्यकर्ताओं से दीनदयाल जी के सात सूत्रों को जीवन में उतारने का आग्रह करता हूं. ये सूत्र हैं- सेवाभाव, संतुलन, संयम, समन्वय, सकारात्मक, संवेदना और संवाद...और हम इस सूत्र पर चल पड़े हैं. दशकों तक हमारे यहां सार्वजनिक संसाधनों और समाज का उपयोग निजी स्वार्थ के लिए होता रहा. लेकिन आज हमें चाहिए कि व्यक्तिगत संसाधनों का उपयोग भी इस तरह से करें कि उससे देश के विकास के रास्ते खुले. आज भारत आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को लेकर आगे बढ़ रहा है. First Updated : Monday, 25 September 2023