G20 Summit: ऐसा वहीं संभव, जहां लोकतंत्र नहीं... जी-20 शिखर सम्मेलन में खरगे को निमंत्रण न देने पर भड़का विपक्ष
पी. चिदंबरम ने कहा कि मैं इस बात की कल्पना नहीं कर सकता हूं कि लोकतांत्रिक देश की सरकार विश्व नेताओं के लिए राजकीय भोज में विपक्ष के सबसे बड़े नेता को निमंत्रण तक नहीं दिया.
G20 Summit In Delhi: जी-20 शिखर सम्मेलन की डिनर पार्टी में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को निमंत्रण नहीं भेजने पर विपक्ष केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावर हो गया है. अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ऐसा केवल उन देशों में हो सकता है जहां पर लोकतंत्र नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि मुझे पूरी उम्मीद है कि इंडिया यानी भारत उस स्थिति में नहीं पहुंचा है. जहां लोकतंत्र और विपक्ष को पूरी तरह से गायब कर दिया जाए.
मैं कल्पना नहीं कर सकता: पी. चिदंबरम
पी. चिदंबरम ने कहा कि मैं इस बात की कल्पना नहीं कर सकता हूं कि लोकतांत्रिक देश की सरकार विश्व नेताओं के लिए राजकीय भोज में विपक्ष के सबसे बड़े नेता को निमंत्रण तक नहीं दिया. वहीं, शिवसेना (उद्धव गुट) के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा कि पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को न्योता दिया गया, लेकिन वो सबको पता है कि वह डिनर में जाने की स्थिति में नहीं हैं. लेकिन विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे को नहीं बुलाया गया, यह लोकतंत्र नहीं बल्कि तानाशाही है.
I cannot imagine any other democratic country's government not inviting the recognised Leader of the Opposition to a state dinner for world leaders
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) September 9, 2023
This can happen only in countries where there is no Democracy or no Opposition
I hope India, that is Bharat, has not reached a…
खरगे जी को न बुलाकार 60 फीसदी हिस्से को इन्वाइट नहीं किया: राहुल
वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र पर आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे को डिनर में न बुलाकर सरकार ने भारत के 60 फीसदी हिस्से को इन्वाइट नहीं किया. दूसरी ओर कांग्रेस के ही नेता कुमार मंगलम ने कहा कि पीएम मोदी महर्षि मनु की विरासत को लेकर आगे बढ़ रहे हैं. जिन्हें मनुस्मृति की रचना की थी. इसी के साथ मंगलम ने इतिहास के कई उदाहरण देकर सरकार को घेरने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को अयोध्या के भूमि पूजन में नहीं बुलाया गया और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भी नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में निमंत्रित नहीं किया गया था.