Pariksha Pe Charcha: 'कई लोग मेरी परीक्षा लेना चाहते होंगे', 'परीक्षा पे चर्चा' कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री का संबोधन
Pariksha Pe Charcha: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'परीक्षा पे चर्चा' कार्यक्रम के दौरान छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, आप उस स्थान पर आए हैं, जहां बड़े-बड़े दिग्गज नेताओं ने दो दिन बैठकर विश्व के भविष्य की चर्चा की थी.
Pariksha Pe Charcha: परीक्षा पे चर्चा 2024' के लिए 2.26 करोड़ रजिस्ट्रेशन हुए हैं. कार्यक्रम का आयोजन 29 जनवरी 2024 को नई दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित आईटीपीओ के भारत मंडपम में किया गया. इस बार 'परीक्षा पे चर्चा' का सातवां संस्करण आयोजित किया गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'परीक्षा पे चर्चा' कार्यक्रम के दौरान छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, एक प्रकार से परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम मेरे लिए भी परीक्षा होती है.
भारत मंडपम में आयोजित हुआ प्रोग्राम
परीक्षा पे चर्चा' का सातवां संस्करण का आयोजन दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित आईटीपीओ के भारत मंडपम में हुआ. जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, 'आप उस स्थान पर आए हैं, जहां भारत मंडपम के प्रारंभ में दुनिया के सभी बड़े-बड़े दिग्गज नेताओं ने दो दिन बैठकर विश्व के भविष्य की चर्चा की थी. पीएम ने कहा कि 'एक प्रकार से परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम मेरे लिए भी परीक्षा होती है. आपमें से बहुत से लोग हैं जो हो सकता है मेरी परीक्षा लेना चाहते हों.'
#WATCH दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "आपके दोस्त से आपको किस चीज की स्पर्धा है? मान लीजिए 100 नंबर का पेपर है। आपका दोस्त अगर 90 नंबर ले आया तो क्या आपके लिए 10 नंबर बचे? आपके लिए भी 100 नंबर हैं। आपको उससे स्पर्धा नहीं करनी है आपको खुद से स्पर्धा करनी है... उससे… pic.twitter.com/n63756lns7
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 29, 2024
खुद से करें कॉम्पटीशन- पीएम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छात्रों को सफलता का मंत्र देते हुए कहा कि 'आपके दोस्त से आपको किस चीज की स्पर्धा है? मान लीजिए 100 नंबर का पेपर है, आपका दोस्त अगर 90 नंबर ले आया तो क्या आपके लिए 10 नंबर बचे? आपके लिए भी 100 नंबर हैं. आपको उससे स्पर्धा नहीं करनी है आपको खुद से स्पर्धा करनी है.' पीएम ने कहा कि द्वेष मत करिए बल्कि उससे आप प्रेरणा से सकते हैं.
शिक्षक नहीं बदलते- प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कॉम्पटीशन के सवाल पर आगे कहा कि 'ये प्रश्न हर बार आया है और अलग-अलग तरीके से सामने आता है, इसका मतलब ये है कि सात सालों में सात अलग-अलग बैच इन परिस्थितियों से गुजरे हैं और हर नए बैच को भी इन्हीं परेशानियों का भी सामना करना पड़ रहा है. विद्यार्थियों के बैच बदलते हैं लेकिन शिक्षकों के बैच नहीं बदलते. यदि शिक्षकों ने मेरे अब तक के एपिसोड्स की बातों का कुछ न कुछ अपने स्कूल में बताया होता तो शायद हम इस समस्या को धीरे-धीरे कम कर सकते हैं.'