Pariksha Pe Charcha: प्रधानमंत्री ने छात्रों को दिए सफलता के मंत्र, पढ़िए पीएम की 10 बड़ी बातें
Pariksha Pe Charhca: परीक्षा पर चर्चा के 7वें संस्मरण में पीएम मोदी ने 10वीं और 12वीं के छात्रों से बात की, इस दौरान पीएम ने सभी छात्रों को गुरुमंत्र दिए हैं.
हाइलाइट
- कंफ्यूजन छोड़ें, निर्णायक बनें- प्रधानमंत्री
- परीक्षा से पहले ध्यान से सवाल पढ़ें- पीएम
Pariksha Pe Charhca: बोर्ड परीक्षा 2024 में बच्चे तनाव में ना आएं इसके लिए आज पीएम ने सभी से बात की. पीएम मोदी ने परीक्षा पर चर्चा के दौरान छात्रों को कुछ ऐसे गुरुमंत्र दिए जिससे वो अपने जीवन में सफलता पा सकते हैं. इस दौरान पीएम ने बच्चों के साथ साथ उनके टीचर्स को भी कुछ टिप्स दिए. पढ़िए परीक्षा पे चर्चा प्रोग्राम में पीएम मोदी के दिए 10 गुरुमंत्र.
फैसला लेने में कंफ्यूजन
परीक्षा पे चर्चा के दौरान पीएम से पूछा गया कि निर्णय लेने में कंफ्यूजन हो तब क्या करें? इस पर पीएम ने उदाहरण देते हुए कहा कि 'कुछ लोग कहीं रेस्टोरेंट में खाना खाने के लिए जाते हैं उस दौरान वो कन्फ्यूज रहते हैं कि क्या ऑर्डर करें. दूसरों को देखकर हम कन्फ्यूज हो जाते हैं कि जो सामने वाले ने मंगाया है हम भी वही ऑर्डर कर लेते. इसी के साथ पीएम ने कहा कि अगर जिंदगी में सफल होना है तो निर्णाय लेने वाला बनना होगा, कंफ्यूजन छोड़ना पड़ेगा.
किस पर करें भरोसा?
परीक्षा के दौरान दूसरों पर भरोसा करने को लेकर पीएम ने कहा कि दूसरों को देखना छोड़े खुद पर भरोसा करें. दूसरे छात्र पर भरोसा करना खतरनाक हो सकता है, क्या पता वो परीक्षा में कोई कहानी लिख रहा हो.
परीक्षा कैसे शुरू करें?
पीएम ने कहा कि परीक्षा देते समय छात्र पेपर देखते ही परेशान हो जाते हैं. जैसे ही पेपर बांटा जाता है तब वो सोचने लगते हैं कि दूसरे को पेपर मिल गया है मेराी नंबर कब आएगा, कम समय मिलेगा या ज्यादा समय लगा, पहले कोई और प्रश्न पूछना चाहिए था.
पेपर को ध्यान से पढ़ें
पीएम ने कहा कि पेपर मिलने के बाद तुरंत लिखना शुरू नहीं कर देना चाहिए, बल्कि इसका सही तरीका होता है कि सबसे पहले आप पेपर के सही पढ़ें. उसको देखें कि कौन सा सवाल कितना समय लेगा, इसी हिसाब से काम शुरू करना चाहिए.
पेरेंट्स को सलाह
पीएम ने कहा कि कुछ गलतियां माता-पिता अति उत्साह में कर देते हैं तो कुछ छात्र डर के कारण गलतियां कर देते हैं. पीएम ने कहा कि कुछ माता-पिता सोचते हैं कि ये सही है, वो सही है, उन्हें इन सब से बाहर आना होगा.
जैसे कुछ पेरेंट्स का मानना होता है कि बाहर निकलते वक्त ये खाकर निकलेंगे तो सही होगा. पीएम ने कहा कि जब घर से निकलने के वक्त ही पेपर को लेकर तनाव शुरू हो जाएगा तो बच्चा एग्जाम हॉल में जाकर कैसे सही रहेगा.
टीचर्स को पीएम की सलाह
प्रधानमंत्री ने बच्चों के साथ साथ टीचर्स को भी कुछ सलाह दीं. पीएम ने टीचर और बच्चों के बीच अच्छी बॉन्डिंग को जरूरी बताया. पीएम ने कहा कि बच्चों और टीचर्स के बीच दोस्ती का रिश्ता होना चाहिए.
छात्रों की जिंदगी को बदलें टीचर्स
प्रधानमंत्री ने टीचर्स से कहा कि टीचर का काम अपनी जॉब बदलना नहीं होना चाहिए, बल्कि, छात्रों की जिंदगी को सही रास्ते पर ले जाना और उसको सवारना होना चाहिए.
दोस्ती भी जरूरी
सबी बच्चों के लिए सबसे जरूरी सवाल कि दोस्ती ही ले डूबती है? सपर पीएम ने जवाब देते हुए कहा कि दोस्ती बहुत जरूरी है. कभी कभी ऐसे होता है कि एक टीचर से कहीं ज्यादा हमको हमारा एक दोस्त सिखा जाता है.
पीएम ने उदाहरण देते हुए कहा कि अगर कोई दोस्त गणित और भाषा में मजबूत है तो इससे उसका दोस्त भी मजबूत हो जाता है. पीएम ने कहा कि मैंने ऐसे दोस्त देखे हैं जो खुद भले ही असफल हो जाएं लेकिन अपने दोस्तों को आगे बढ़ने में मदद करते हैं. अगर दोस्त अच्छे मार्क्स नहीं लाते और फर्स्ट नहीं आते तो पार्टी भी नहीं करते, यही दोस्ती है.