Raghav Chadha News : पैसे के दम पर खरीदे जाते हैं MLAs, जानिए डेमोक्रेसी पर क्या बोले राघव चड्ढा
Raghav Chadha : राघव चड्ढा ने पिछले साल संसद में प्राइवेट मेंबर बिल को पेश किया था. अब उन्होंने इसे लोकतंत्र के लिए जरूरी बताया है.

Raghav Chadha : आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा देश की जनता के हित में हमेशा आवाज उठाते हैं. वह जनता से जुड़े तमाम मुद्दों पर अपनी बात रखते नजर आते हैं. राघव चड्ढा ने पिछले साल संसद में प्राइवेट मेंबर बिल को पेश किया था. अब उन्होंने इसे लोकतंत्र के लिए जरूरी बताया है. रविवार 28 जनवरी को राघव चड्ढा ने कहा कि जिस तरह ऐजेंसियों और पैसे के दम पर देश भर में विधायक खरीदे जाते हैं. इन सबको रोकने के लिए ये बिल बहुत जरूरी है.
क्या बोले राघव चड्ढा
राघव चड्ढा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पोस्ट में लिखा कि जिस तरह एजेंसियों और पैसे के दम पर देश भर में विधायक खरीदे जाते हैं, सरकारें तोड़ी जाती हैं, वो डेमोक्रेसी के लिए खतरनाक है. उन्होंने आगे कहा कि पिछले साल मैंने संसद में एंटी-डिफेक्शन लॉ को मजबूत करने के लिए प्राइवेट मेंबर बिल पेश किया था. ये बिल आज लोकतंत्र को बचाने के लिए बहुत जरूरी है.
जिस तरह एजेंसियों और पैसे के दम पर देश भर में MLAs ख़रीदे जाते हैं, सरकारें तोड़ी जाती हैं, वो democracy के लिए ख़तरनाक है।
पिछले साल मैंने संसद में Anti-Defection Law को मज़बूत करने के लिए प्राइवेट मेम्बर बिल पेश किया था।
ये बिल आज लोकतंत्र को बचाने के लिए बहुत ज़रूरी है। pic.twitter.com/GjXThG6fHf— Raghav Chadha (@raghav_chadha) January 28, 2024
कब पेश किया था बिल
राघव चड्ढ़ा ने अप्रैल, 2023 में राज्यसभा में एक निजी मेंबर बिल को पेश किया था. जिसमें केंद्र सरकार से देश में न्यायिक स्वतंत्रता को मजबूत करने के लिए अहम कदम उठाने का आग्रह किया गया. राघव चड्ढ़ा ने प्रस्ताव में मांग की है कि भारत सरकार के सभी अवलोकनों और टिप्पणियों को कोलेजियम के सिफारिश किए जाने के लिए 30 दिनों के अंदर कॉ़लेजियम के सामने पेश किया जाए.
प्रस्ताव में कही गई अहम बातें
प्रस्ताव में कहा गया कि संविधान के 99वें संशोधन और राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग अधिनियम-2014 को 2016 में सर्वोच्च न्यायालय ने संविधान के अधिकार से बाहर माना था. अदालत ने सरकार को भारत के सीजेआई के सलाह से सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जज की नियुक्ति के लिए मौजूदा प्रक्रिया ज्ञापन को पूरक बनाने यानी कमी पूरी करने के निर्देश दिया, हालांकि इसकी कमी को पूरा करने के लिए अभी कोई कदम नहीं उठाया गया है.


