Satyendra Jain: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को आम आदमी पार्टी (आप) नेता सत्येन्द्र जैन की उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत याचिका खारिज कर दी है. न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की पीठ ने जैन को तुरंत जेल अधिकारियों के समक्ष सरेंडर करने का आदेश दिया. जैन फिलहाल मेडिकल जमानत पर बाहर हैं. कोर्ट ने आदेश दिया, "सभी अपीलें खारिज की जाती हैं. सत्येन्द्र जैन को तुरंत सरेंडर करना होगा.''
न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की पीठ ने कहा, ''अपीलें खारिज की जाती हैं. याचिकाकर्ता को तत्काल आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया जाता है.'' पूर्व मंत्री की ओर से पेश वकील विवेक जैन ने उनके खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए आत्मसमर्पण के लिए समय बढ़ाने की मांग की. अदालत ने अनुरोध खारिज कर दिया और अपना आदेश बरकरार रखा.
ईडी ने दावा किया था कि सत्येन्द्र जैन अपनी पत्नी पूनम जैन के निर्देशन के माध्यम से तीन कंपनियों को चला रहे थे. दलील दी गई कि दो अन्य आरोपी वैभव जैन और अंकुश जैन तीनों कंपनियों में प्रमुख शेयरधारक और निदेशक थे. सत्येन्द्र जैन को पिछले साल 26 मई को अंतरिम चिकित्सा जमानत दी गई थी. उनको फरवरी 2015 से मई 2017 तक मंत्री के रूप में अपने पद का दुरुपयोग करके 1.47 करोड़ की आय से अधिक संपत्ति हासिल करने के आरोप में मई 2022 में गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद ईडी ने कथित तौर पर उनसे जुड़ी तीन कंपनियों के माध्यम से मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच शुरू की. First Updated : Monday, 18 March 2024