क्या जमानत मिलने के बाद मुख्यमंत्री पद पर नहीं रह पाएंगे अरविंद केजरीवाल

Supreme Court: ईडी ने जमानत की बात पर कोर्ट के कहा कि किसी को यह मानने की जरूरत नहीं है कि गवाह जो कुछ बोलता है वह जांच एजेंसी को गुमराह कर सकता है.

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Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने आज यानी मंगलवार को उत्पाद शुल्क नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई की. इस दौरान न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा "अगर सीएम को अंतरिम जमानत दी जाती है, तो उन्हें अपने सीएम पद के कर्तव्यों का पालन करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. 

सीएम केजरीवाल की गिरफ्तारी 

आपको बता दें कि आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक को भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी ने बीते 21 मार्च को दिल्ली की अब समाप्त हो चुकी उत्पाद शुल्क नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया था. वहीं हवाला की मदद से 100 करोड़ रुपये का नकद ईडी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया. जिसके बाद भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी की तरफ से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने अदालत को कहा कि 176 फोन नष्ट कर दिए गए हैं. इसके बाद हवाला ऑपरेटरों को नकदी भेजी गई है.  

एएसजी राजू ने आगे बताया कि "100 करोड़ रुपये का नकद लेनदेन हवाला की मदद से ट्रांसफर किया गया. साथ ही दूसरे राज्यों में इसे खर्च किया गया है. वहीं न्यायमूर्ति खन्ना का कहना था कि 100 करोड़ रुपये एक अपराध की आय थी. उन्होंने इस बात पर सवाल किया कि यह 2-3 वर्षों में 1,100 करोड़ रुपये कैसे हो गई. यह वापसी की एक अभूतपूर्व दर होगी. इसके बाद जस्टिस खन्ना ने बताया कि एएसजी राजू ने निर्दिष्ट किया कि थोक व्यापारी का लाभ 590 करोड़ रुपये है. वहीं कोर्ट ने बताया कि अंतर लगभग 338 करोड़ रुपये का था. 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा फाइल पेश की जाए

सुप्रीम कोर्ट ने ईडी से मामले की फाइलें पहले पेश कहा, न्यायमूर्ति खन्ना का कहना था कि "पहले दो खंड हम अधिकारी नोटिंग देखना चाहते हैं. एक सरथ रेड्डी की गिरफ्तारी से पहले की और एक सीआरपीसी धारा 164 के तहत उनके बयान तक की. इसके बाद एक मनीष सिसौदिया की गिरफ्तारी से पहले और एक उसके बाद की सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी से बताया कि उसे यह देखने की आवश्यकता है कि "एक चरण से दूसरे चरण तक जांच का क्या हुआ.

इस बात पर कहा गया कि "हमारे सामने मुद्दा बहुत सीमित है और यह धारा 19 का अनुपालन है, हमें यह देखने की जरूरत है कि जांच की प्रकृति क्या है. इसके बाद एएसजी राजू ने बताया कि ''ऐसा नहीं है कि मामला राजनीति से प्रेरित है, ईडी का राजनीति से कोई सरोकार नहीं है.''

लोकसभा चुनाव के कारण बेल की सहमति 

सीएम अरविंद केजरीवाल की जमानत को लेकर सुप्रीम कोर्ट की बेंच का कहना था कि केवल लोकसभा चुनाव 2024 को देखते हुए अंतरिम जमानत देने पर विचार विमर्श कर रहे हैं. आगे कहा कि अगर चुनाव न होता तो इस मामले को  रिजर्व रखा जाता. जबकि ईडी के वकील लगातार इस बेल का विरोध कर रहे हैं. First Updated : Tuesday, 07 May 2024