G20 Summit India: दिल्ली में जी-20 का सफल आयोजन, जानिए दो दिन में क्या बड़े फैसले लिए गए?
G20 Summit India: 9 से 10 सितंबर तक चले जी-20 शिखर सम्मेलन का सफलतापूर्वक समापन हो गया है. जानिए इन दो दिनों में क्या बड़े फैसले लिए गए.
हाइलाइट
- अफ्रीकी यूनियन को मिली स्थाई सदस्यता
- ब्राजील को मिली जी-20 की अध्यक्षता
G20 Summit India: दिल्ली के प्रगति मैदान में हुए जी-20 शिखर सम्मेलन का कल समापन हो गया. इस सम्मेलन में दुनिया भर से नेता शामिल हुए. भारत मंडपम में 9 और 10 सितंबर को कई बैठकें की गई. भारत आने वाले मेहमानों में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन, इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों समेत कई बड़े नेता शामिल हुए.
जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए दिल्ली को बहुत ही खूबसूरत तरह से सजाया गया था. इसके साथ ही सभी की सुरक्षा को लेकर भी सख्त इंतज़ाम किए गए.समिट को लेकर तीन दिन तक दिल्ली को पूरी तरह से बंद कर दिया गया था. ऑफिसों के साथ साथ स्कूल और कॉलेज सब बंद किए गए.
पीएम मोदी ने कई नेताओं के साथ की बैठक
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन, ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक समेत कई नेता 8 सितंबर को ही दिल्ली आ गए थे. शुक्रवार को पीएम मोदी ने मॉरीशस के पीएम प्रविंद जगन्नाथ, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ द्विपक्षीय बैठकें की. इसके साथ ही रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग इस समिट में शामिल नहीं हुए.
ब्राजील को मिली अध्यक्षता
शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन प्रधानमंत्री मोदी ने ब्राजील के राष्ट्रपति लूला को जी-20 की अध्यक्षता सौंप दी. पीएम ने राष्ट्रपति लूला को पारंपरिक गैवल (एक प्रकार का हथौड़ा) दिया. इसके साथ ही पीएम ने एक प्रस्तान और दिया, उन्होंने जी-20 समिट में लिए गए फैसलों पर हुई प्रगति की समीक्षा के लिए नवंबर महीने में एक वर्चुअल सेशन रखने को कहा. इसके साथ ही भारत के पास नंबर तक जी-20 की अधयक्षता रहेगी. इसके बाद दिसंबर से ब्राजील के पास अध्यक्षता आ जाएगी.
क्या क्या हुआ भारत की अध्यक्षता में?
जी-20 की बैठकों में 73 ऐसे मामलों को लेकर बात रखी गई. जिनका हल सभी देश मिलकर निकालेंगे. इसके साथ ही 39 मामलों पर जरूरी दस्तावेजों के साथ सहमति बनाने पर चर्चा की गई. कुल मिलाकर 112 मामलों पर बात की गई. इसमें फूड सिक्योरिटी और न्यूट्रिशन, ओसियन इकोनॉमी, पर्यटन, लैंड रेस्टोरेशन और एमएसएमई सेक्टर शामिल रहे.