सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को दिया बड़ा झटका, मुख्य सचिव नरेश कुमार पद पर बने रहेंगे
Supreme Court ने दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार के सेवा विस्तार को दी हरी झंडी. नरेश कुमार 30 नवंबर को होने वाले थे रिटायर. केंद्र उन्हें 6 महीने का सेवा विस्तार देना चाहता है.
हाइलाइट
- सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार के सेवा विस्तार को लेकर दी हरी झंडी
दिल्ली सरकार को Supreme Court से झटका लगा है. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार के सेवा विस्तार को लेकर हरी झंडी दे दी है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वर्समान कानून के अनुसार केंद्र सरकार को ही ऐसा करने का अधिकार है.
बता दें कि नरेश कुमार 30 नवंबर को रिटायर होने वाले थे. लेकिन केंद्र उन्हें 6 महीने का सेवा विस्तार देना चाह रही थी. वहीं दिल्ली सरकार इसके खिलाफ थी. सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले मंगलवार को सुनवाई के वक्त कहा था कि अगर केंद्र चीफ सेक्रेट्री को सेवा विस्तार देना चाहता है तो वो प्रावधान दिखाए, जिसको देखते हुए ऐसा किया जा सकता है.
Supreme Court allows the Central government to extend the tenure of Delhi's incumbent Chief Secretary Naresh Kumar by six months. He is scheduled to retire on November 30. pic.twitter.com/OuiEBMBWJt
— ANI (@ANI) November 29, 2023
इससे पहले कोर्ट ने केंद्र सरकार से इस पद के लिए संभावित अधिकारियों के नाम दिल्ली सरकार को सौंपने और उनकी सहमति लेने को भी कहा था. मंगलवार को केंद्र सरकार ने कोर्ट को बताया कि वह नरेश कुमार को कुछ दिनों के लिए सेवा विस्तार देने जा रही है, नए मुख्य सचिव की नियुक्ति के मौके पर संभावित अधिकारियों के नाम दिल्ली सरकार को सौंपे जाएंगे और चर्चा की.
इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की अगुवाई वाली बेंचकर रही थी. दिल्ली सरकार की याचिका पर पीठ ने मुख्य सचिव के रूप में नरेश कुमार का कार्यकाल बढ़ाने से रोकने की मांग खारिज कर दी.
अभिषेक मनु सिंघवी ने दिल्ली सरकार का पक्ष रखा
दिल्ली सरकार की ओर से पेश वकील डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी कि मुख्य सचिव सौ अन्य मामलों को देख रहे हैं, जो दिल्ली सरकार के विशेष क्षेत्र में हैं, इसलिए दिल्ली सरकार को अपने विचार व्यक्त करने का अधिकार होना चाहिए. कोर्ट ने इस तर्क को मानने से इनकार कर दिया कि मुख्य सचिव के कार्यों को उस तरीके से विभाजित किया जाना चाहिए.