दिल्ली मे कूड़े के पहाड़ को लेकर सुप्रीम कोर्ट सख्त, नगर निगम से मांगा जबाव
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में होने वाले कूड़े को लेकर नगर निगम, नई दिल्ली नगर पालिका परिषद और दिल्ली छावनी बोर्ड को नोटिस जारी किया. जिसको लेकर 10 मई तक जवाब देने को कहा है.
Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में होने वाले कूड़े को लेकर पर निगरानी के लिए एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन की एक रिपोर्ट पर विचार करते हुए हैरान जताई है, सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि ये चौकाने वाली बात है कि राजधानी में हर रोज निकलने वाले 11,000 टन ठोस कचरे में से 3,000 टन का कानून के अनुसारी सही तरीके से प्रोसेसिंग नहीं किया जाता है.
जस्टिस अभय एस ओका और उज्जल भुइयां की पीठ ने दिल्ली में होने वाले कूड़े को लेकर कहा कि दिल्ली से निकलने वाले कचरे का सही तरीके से डिकंपोज होना काफी चिंता वाली बात है.
11 हजार टन ठोस कचरा
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बड़ी ही चौंकाने वाली बात है कि सॉलिड वेस्ट मैमेजमेंट नियम 2016 को अस्तित्व में आए आठ साल बीतने के बाद भी दिल्ली में इसका पूरी तरह पालन नहीं किया जा रहा है. कोर्ट ने कहा कि वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग की रिपोर्ट से ये साफ नजर आ रहा है कि दिल्ली से रोजाना औसतन 11,000 टन ठोस कचरा निकलता है जिसमें से हर दिन सिर्फ 8,000 टन का ही निपटारा हो पाता है.
10 मई तक मांगा जबाव
राजधानी में हर रोज होने वाले कूड़े को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 3,000 टन ठोस कचरे का कानून के तहत निपटान नहीं किया जाता है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट दिल्ली नगर निगम और नई दिल्ली नगर पालिका परिषद को नोटिस जारी किया. 10 मई तक जवाब देने का निर्देश दिया. दिल्ली नगर निगम को कोर्ट ने नई दिल्ली पालिका परिषद और छावनी बोर्ड के अधिकारियों को नियमों के पालन पर एक मीटिंग बुलाने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने एयर पॉल्यूशन पर नियंत्रण की मांग वाली पीआईएल पर यह आदेश दिया है.