कोर्ट की दलीलें सुनकर रोने लगीं स्वाति मालीवाल, जानें वकील ने क्या कहा
Swati Maliwal Case: बिभव कुमार के वकील ने कोर्ट में कहा कि 'आप मुझे ऐसे नहीं रोक सकते' ये बोलकर स्वाति मालीवाल जबरदस्ती आवास के अंदर घुस आई.
Swati Maliwal Case: आम आदमी पार्टी (AAP) की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल मारपीट मामले में आज यानी सोमवार को कोर्ट में सुनवाई हुई है. जहां बिभव कुमार के वकील ने अपनी बात रखी है. कोर्ट में सुनवाई के दरमियान बिभव के वकील ने कहा कि "स्वाति मालीवाल के संवेदनशील अंगों पर चोट के कोई निशान नहीं हैं और हो सकता है कि उन्होंने खुद को ही चोटिल कर लिया."
बिभव कुमार के वकील की बातें सुनकर स्वाति मालीवाल कोर्ट में ही रोने लगी. वहीं, अडिशनल पब्लिक प्रोसेक्यूटर का कहना है कि पद से हटाए जाने के बावजूद बिभव कुमार वहां उपस्थित थे, जिससे साफ साबित होता है कि उनकी सोच कुछ और थी.
क्या है पूरा मामला
आपको बता दें कि बीते 13 मई को अरविंद केजरीवाल के आवास पर गई थी. घर पहुंचीं तो स्वाति मालीवाल से उनके पीए बिभव कुमार ने मारपीट की थी. स्वाति की तरफ से एफआईआर (FIR) कराने के बाद दिल्ली पुलिस ने बिभव कुमार को कानूनी हिरासत में ले लिया था. साथ ही अभी वह न्यायिक हिरासत में हैं. वहीं स्वाति मालीवाल के मेडिकल रिपोर्ट में पाया गया कि उनके पैर और गाल पर चोट लगी थी. इस मामले में पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज भी जब्त कर लिए थे और आगे की जांच अभी भी जारी है.
Swati Maliwal assault case: AAP MP Swati Maliwal reached Delhi's Tis Hazari court to attend the bail hearing of Delhi CM's aide Bibhav Kumar
— ANI (@ANI) May 27, 2024
Senior advocate N Hariharan submitted that this bail application is maintainable. This is the right court which has jurisdiction to hear…
बिभव कुमार के वकील ने कोर्ट में दी दलील
स्वाति मालीवाल केस में आज यानी सोमवार को तीस हजारी कोर्ट में सुनवाई की गई. सुनवाई के दरमियान बिभव कुमार की तरफ से वरिष्ठ एडवोकेट एन हरिहरन पेश हुए थे. उनका कहना था कि स्वाति मालीवाल अरविंद केजरीवाल के घर पहुंचीं साथ ही उन्होंने ही बिभव कुमार को बुलाया था. जबकि वह पहले से वहां मौजूद नहीं थे, इसके बाद वह केजरीवाल के घर के अंदर प्रवेश करने लगीं. हरिहरन ने प्रश्न उठाए कि क्या कोई भी व्यक्ति इस तरह से सीएम के आधिकारिक आवास में घुस सकता है?'
जानें स्वाति मालिवाल के वकील की दलील
इस केस में कोर्ट के अंदर दूसरे पक्ष से अडिशनल पब्लिक प्रोसेक्यूटर अतुल श्रीवास्तव ने अपनी दलीलें रखी. उनका कहना था कि गैर इरादतन हत्या के लिए इरादा होना जरूरी नहीं है, जानकारी होना ही पर्याप्त है. उन्होंने बताया कि आरोपी ने एक महिला को मारा है, उन्हें घसीटा है और उनका सिर सेंटल टेबल पर लगा, क्या इससे मौत नहीं हो सकती है? अतुल श्रीवास्तव ने आगे कहा कि अगर सरेआम एक महिला को थप्पड़ मारा जाता है तो इससे एक महिला के सम्मान को ठेस पहुंचती है.