Explainer: क्या है मिमिक्री का इतिहास, जिस पर मचा है घमासान! जानें
Explainer: राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ की मिमिक्री का मुद्दा गंभीर रूप लेता जा रहा है. वहीं नकल करने वाले सांसद कल्याण बनर्जी कह रहे हैं कि उनका अपमान करने का कोई इरादा नहीं था.
हाइलाइट
- देश में जगदीप धनखड़ की मिमिक्री करने को लेकर मचा हुआ है बवाल
- मिमिक्री नेताओं का काम नहीं हैं यह तब ठीक लगता है जब केवल कॉमेडियन ऐसा करते हैं
Explainer: कुछ दिनों पहले हुए देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की मिमिक्री करने को लेकर बवाल मचा हुआ है. राज्यसभा से निलंबित संसद कल्याण बनर्जी ने उप राष्ट्रपति के बोलने की शैली की नकल उतारी थी जिसका वीडियो बनाते हुए राहुल गांधी नजर आए थे. जिसके बाद उपराष्ट्रपति ने इस घटना की निंदा की. इसके साथ ही कई लोग कल्याण बनर्जी के विरोध में उतर आये. मिमिक्री को लेकर देश में यह ताजा स्थिति है. वैसे तो यह नेताओं का काम नहीं हैं यह तब ठीक लगता है जब केवल कॉमेडियन ऐसा करते हैं. नेताओं का काम तो राजनीति है.
मिमिक्री क्या है? ये कब शुरू हुआ?
मिमिक्री एक ग्रीक शब्द है. जिसका प्रयोग सबसे पहले 1667 में किया गया था. जिसका अर्थ है नकल करना. मिमिक्री का मतलब है किसी की नकल करना लेकिन उस नकल में हास्य का एलीमेंट जोड़ना. मिमिक्री करने वाला शख़्स अगर किसी कि मिमिक्री कर रहा हो तो उस शख़्स के हाव भाव और उसकी आदतें इस प्रकार से लोगों के सामने पेश करें जिससे देखने वाली ऑडियंस एन्जॉय करें.
मिमिक्री की शुरुवात कब हुई इसका फ़िलहाल तो कोई प्रमाण नहीं मिलता है. लेकिन 1970-80 के दशक में जब संगीत अपने चरम पर हुआ करता था. उस दौरान भारत में गायकों के नाम पर रोज कार्यक्रम हुआ करते थे. जब गायक ब्रेक पर रहते थे तो ब्रेक के दौरान मिमिक्री आर्टिस्ट आकर उसे समय के फिल्मी कलाकारों की मिमिक्री किया करते थे. उस समय से लेकर भारत में अब तक मिमिक्री करने के आर्ट में काफी परिवर्तन आ गया है.
मिमिक्री के इतिहास को लेकर मिमिक्री आर्टिस्ट सुनील पाल ने क्या कहा?
भारत में मिमिक्री का इतिहास को लेकर मिमिक्री आर्टिस्ट सुनील पाल ने कहा कि जब नारद मुनि थे तो वह नकल भी करते थे. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि अकबर के समय में भी जब अकबर और बीरबल बात करते थे तो नकल भी होती थी. उस समय बीरबल अकबर के सामने दूसरे राजाओं की नकल किया करते थे.
मिमिक्री का मुद्दा गंभीर रूप लेता हुआ
बता दें कि राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ की मिमिक्री का मुद्दा गंभीर रूप लेता जा रहा है. वहीं नकल करने वाले सांसद कल्याण बनर्जी कह रहे हैं कि उनका अपमान करने का कोई इरादा नहीं था. उन्होंने किसी का नाम भी नहीं लिया था. इस मामले में द्रोपदी मुर्मु से लेकर पीएम नरेंद्र मोदी तक ने धनखड़ के 'अपमान' पर प्रतिक्रिया दी है. वहीं धनखड़ ने एक कदम आगे बढ़कर इसे अपनी जाति का अपमान बताया दिया. बता दें कि धनखड़ जाट बिरादरी से आते हैं. यूपी, हरियाणा, राजस्थान की कई लोकसभा सीटों पर जाट के वोटरों का असर है.
बीजेपी ने मिमिक्री के मुद्दा को लपका
वहीं बीजेपी ने इस मामले को लपक लिया है और जातिगत अस्मिता के सवाल को धार देने की कोशिश कर रही है. पिछले कुछ सालों में सरकार के खिलाफ किसानों का आंदोलन हो या खिलाड़ियों का प्रदर्शन इन सभी में इसी समुदाय ने सबसे ज्यादा हिस्सा लिया है. तो बीजेपी इसे 2024 लोकसभा चुनाव के लिए डैमेज कंट्रोल के तरह देख रही है. पुरे देश में इस मुद्दे पर प्रदर्शन हो रहे हैं. फ़िलहाल अब ये देखना है कि जमीन पर विपक्ष को ये मुद्दा कितना दर्द देगा. वहीं इतना हम जरुर कह सकते हैं कि अचानक उपजा यह मामला केंद्र सरकार के लिए राहत लेकर आया है.