अंडरवर्ल्ड का 'सिस्टम': लॉरेंस का उभार, छोटे से गांव से बड़े गैंगस्टर तक की यात्रा
लॉरेंस बिश्नोई का अंडरवर्ल्ड में उभार एक दिलचस्प और खतरनाक यात्रा है. एक छोटे से गांव से शुरू होकर, उसने धीरे-धीरे खुद को एक बड़े गैंगस्टर के रूप में स्थापित किया. इस यात्रा में उसने कई गैंगवार, अपराध और राजनीतिक गठजोड़ों के माध्यम से अपनी ताकत बढ़ाई, जिसने आज उसे अंडरवर्ल्ड में एक प्रमुख हस्ती बना दिया है।
नई दिल्ली: लॉरेंस का अपराधी बनने से पहले का जीवन बहुत साधारण था। चंडीगढ़ के सेक्टर 11 में गाड़ियों में आग लगाने के मामले में जब उसे पुलिस ने पहली बार हिरासत में लिया, तो वह बहुत ही मासूम नजर आता था। उसे यह भी नहीं पता था कि पुलिसवालों से बात कैसे करें. वह कभी पुलिस अफसर को 'सर' तो कभी 'भाई' और कभी 'अंकल' कहकर संबोधित करता. 18 साल का यह लड़का इतना नादान था कि खुद पुलिसवालों को भी हैरानी हो रही थी कि आखिर ये कैसे इस अपराध में फंसा।
छोटे से गांव से चंडीगढ़ की एक प्रमुख यूनिवर्सिटी में शिक्षा लेने पहुंचे एक युवा छात्र ने शायद कभी कल्पना भी नहीं की होगी कि वह एक दिन अपराध की दुनिया का ऐसा कुख्यात चेहरा बनेगा. इस युवक का नाम था लॉरेंस बिश्नोई है. शुरुआत में वह सिर्फ अपनी पढ़ाई में ध्यान केंद्रित कर रहा था, लेकिन छात्र राजनीति में बढ़ती रुचि ने उसे धीरे-धीरे अपराध की दिशा में खींच लिया. आज, वह एक ऐसा गैंगस्टर बन चुका है, जिसका नाम सुनते ही हर कोई डर से कांप उठता है।
पहली गिरफ्तारी और अपराध की ओर बढ़ता कदम
लॉरेंस की पहली गिरफ्तारी विक्की मिद्दुखेड़ा नामक अपने दोस्त से झगड़े के बाद हुई. छात्र राजनीति में सक्रिय रहने के दौरान, जब विक्की से दूसरे गुट के छात्रों का झगड़ा हुआ, तो लॉरेंस ने उनका विरोध करते हुए उनकी गाड़ी को आग के हवाले कर दिया. इस मामले में उसे पहली बार गिरफ्तार किया गया. यहीं से उसके अपराधी बनने की शुरुआत हुई.
जेल में दोस्ती और गैंगस्टर बनने की दिशा
लॉरेंस का जेल यात्रा यहीं से शुरू हुआ. वह विक्की मिद्दुखेड़ा से जुड़े मामले में गिरफ्तार हुआ था, लेकिन जेल में उसकी मुलाकात पंजाब के बड़े गैंगस्टरों से हुई. वहां उसने रंजीत डुपला और जसविंदर सिंह रॉकी जैसे गैंगस्टरों से दोस्ती की, जो पहले से ही मुख्तार अंसारी गैंग से जुड़े हुए थे. इस प्रकार जेल में हुए रिश्तों के बाद जब वह बाहर आया, तो इन गैंगस्टरों के लोग उसके साथ हो गए. अब चंडीगढ़ और आसपास के इलाके में उसके नाम से डर फैलने लगा था.
गैंगस्टर की दुनिया में एक कदम और बढ़ता हुआ लॉरेंस
लॉरेंस की गैंग अब पंजाब ही नहीं, बल्कि कई अन्य राज्यों में भी सक्रिय हो गई थी. उसकी शक्ति और रुतबा लगातार बढ़ते गए. पुलिस की गिरफ्त में आने पर भी वह अब पहले जैसा सहमकर नहीं बल्कि आत्मविश्वास से भरा हुआ दिखाई देता था. एक बार उसने पुलिसवालों से कहा था कि "यह तो सिर्फ शुरुआत है, आने वाले समय में मेरी तलाश देश के कई राज्यों की पुलिस को करनी होगी.
लॉरेंस का रुतबा और गैंग की शक्ति
लॉरेंस के अपराध की दुनिया में कदम रखते हुए हर दिन उसके रुतबे में बढ़ोतरी होती गई. अब वह किसी भी जुर्म के सिलसिले में गिरफ्तार होता तो उसका पहनावा और बात करने का तरीका पूरी तरह से बदल चुका था. आज उसकी गैंग पूरी दुनिया में सक्रिय है और उसके लिए 700 से ज्यादा शार्प शूटर्स काम करते हैं. उसकी पहचान अब एक गैंगस्टर के रूप में पूरी दुनिया में बन चुकी है.