पहले प्रोफेसर फिर उसी यूनिवर्सिटी के सामने 'PHD पकौड़े' की रेहड़ी, जानिए कौन हैं डॉ रितु सिंह
Delhi University Proffesor Ritu Singh: दिल्ली विश्वविद्यालय की पूर्व प्रोफेसर डॉ रितु सिंह बीते कई महीनों से अपनी मांगो लेकर लगातार प्रदर्शन पे प्रदर्शन कर रही है.
Delhi University Proffesor Ritu Singh: दिल्ली विश्वविद्यालय की पूर्व प्रोफेसर डॉ रितु सिंह बीते कई महीनों से अपनी मांगो लेकर लगातार प्रदर्शन पे प्रदर्शन कर रही है. पिछले महीने दिल्ली पुलिस ने उन्हें और उनके साथियों को हिरासत में ले लिया था लेकिन अब एब फिर से वह सुर्खियों में आ गई है. इस बीच प्रोफेसर डॉ. रितु सिंह पर मोरिस नगर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है.
रितु सिंह ने सोमवार को ‘पीएचडी पकौड़े वाली’ नाम के होर्डिंग से कवर करके रेहड़ी लगाई थी. जिसके बाद मौके पर पुलिस ने उन्हें रेहड़ी हटाने को कहा लेकिन वो नहीं मानी. वहां से गुजर रहे राहगीरों सभी रुककर भीड़ जमा कर ली और पूर्व प्रोफेसर को रेहड़ी लगाकर पकौड़े तलते और बेचते हुए देख लोग भी हैरान थे तो उन लोगों ने वीडियो फोटो और सेल्फी लेने लगे.
डॉ. रितु सिंह दिल्ली यूनिवर्सिटी की पूर्व प्रोफेसर हैं. वो पहले डीयू के दौलत राम कॉलेज में साइकॉलोजी विभाग में एडहॉक प्रोफेसर रह चुकी हैं. उन्हें डीयू से नौकरी से निकाल दिया गया. उनका आरोप है कि डीयू प्रशासन ने उनके साथ दलित होने की वजह से भेदभाव किया है. उन्होंने चार साल पहले दौलत राम कॉलेज की प्रिंसिपल सविता रॉय के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए थे. रितु सिंह के आंदोलन को लेकर खूब राजनीति भी हो रही है वहीं दलित नेता चंद्रशेखर से लेकर सभी विपक्षी दलो के नेताओं ने मिलकर समर्थन किया हैं.
कांग्रेस ने अपने अधिकारिक ट्विटर (X) पर पोस्ट करते हुए लिखा कि "इनका नाम डॉ. रितु सिंह है, जो दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत थीं. डॉ. रितु का कहना है कि उनके साथ जातिगत आधार पर भेदभाव किया गया और नौकरी से निकाल दिया गया. अपने साथ हुए इस अन्याय के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए ये पकौड़े बेच रही हैं और मोदी सरकार की युवा विरोधी नीतियों का विरोध कर रही हैं.
मोदी सरकार में बेरोजगारी ने सारी सीमाएं लांघ दी हैं. हालात इतने बुरे हैं कि पीएचडी करने के बाद भी युवा पकौड़े बेचने को मजबूर हैं. कांग्रेस बेरोजगारी के खिलाफ इस जंग में युवाओं के साथ है. हम युवाओं को न्याय दिलाकर ही रहेंगे."