Supreme Court: दिल्ली शराब घोटाला मामले के आरोपी बताए जाने वाले सीएम अरविंद केजरीवाल के लिए आज बहुत ही मुश्किल भरा दिन रहा. क्योंकि आज यानी सोमवार को सीएम के केस की सुनवाई हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में होने वाली थी. दरअसल हाईकोर्ट में मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी और रिमांड को सही साबित कर दिया गया था. जिसके बाद इस याचिका को चुनौती देते हुए सीएम केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी गुहार लगाई है. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने इस केस की सुनवाई आने वाले 29 अप्रैल तक के लिए चाल दिया है.
कोर्ट का कहना था कि बार-बार समन भेजने के बाद भी केजरीवाल के प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश नहीं होने के साथ जांच में सहयोग न करने के कारण जांच एजेंसी के पास किसी तरह का विकल्प नहीं बचा था.
मेरी गिरफ्तारी लोकतंत्र पर हमला- केजरीवाल
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में हाईकोर्ट की गिरफ्तारी व रिमांड को चुनौती देते हुए गलत बताया है. इस मामले को लेकर आज यानी 15 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश संजीव खन्ना संग दीपांकर दत्ता की बेंच में सुनवाई की गई. सुप्रीम कोर्ट में सीएम अरविंद केजरीवाल की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने बताया कि केजरीवाल को लोकसभा चुनाव में प्रचार से रोकने के ये किया गया है. इस पर कोर्ट ने बताया कि सुनवाई 29 अप्रैल से पहले नहीं की जा सकती है.
कोर्ट में दर्ज की गई याचिका में सीएम की तरफ से कहा गया कि "मेरी गिरफ्तारी निष्पक्ष चुनाव पर आधारित लोकतंत्र के सिद्धांतों पर हमला है." उन्होंने आगे कहा कि ईडी के पास ऐसी कोई चीज नहीं है जिससे ये साबित हो पाए कि मैं अपराधी हूं. जिसके आधार पर पीएमएलए की धारा-19 लगाकर मुझे अपराधी बनाया जा सके. ईडी ने इस तरह का कदम बहुत ही साजिश के तहत उठाया है. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने इस सुनवाई को अगले 29 अप्रैल तक के लिए टाल दिया है.
सीएम अरविंद केजरीवाल हैं न्यायिक हिरासत में
आपको बता दें कि सीएम अरविंद केजरीवाल को ईडी ने बीते 21 मार्च को आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किया था. इस केस पर कोर्ट में सुनवाई होने के बाद अरविंद केजरीवाल को 15 अप्रैल तक के लिए दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद कर दिया गया था. जिसके बाद से अब तक सीएम को तिहाड़ के जेल नंबर 2 में रखा जा रहा है.
वहीं केंद्रीय एजेंसी (ईडी) ने ये दावा किया है कि शराब नीति को लागू करने में कई तरह का घोटाला किया गया है. दिल्ली सरकार की आबकारी नीति में कथित भ्रष्टाचार का इस्तेमाल हुआ है. इतना ही नहीं केंद्रीय जांच एजेंसी ने इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को मुख्य आरोपी बताया है. आगे एजेंसी का कहना है कि शराब घोटाला मामले में आम आदमी पार्टी (आप) के कई बड़े नेताओं और मंत्रियों की मौजूदगी है.
First Updated : Monday, 15 April 2024