दिल्ली मेट्रो में हुई थी महिला की मौत, DMRC परिजनों को देगी 15 लाख का मुआवजा
दिल्ली मेट्रो के दरवाजे पर महिला की साड़ी फंसने से ट्रैक पर गिरकर महिला की मौत मामले में दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने महिला के परिवार के लिए मुआवजे का एलान किया है. दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन महिला के परिजनों को 15 लाख रुपए का मुआवजा देगी.
दिल्ली मेट्रो के दरवाजे पर महिला की साड़ी फंसने से ट्रैक पर गिरकर महिला की मौत मामले में दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने महिला के परिवार के लिए मुआवजे का एलान किया है. दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन महिला के परिजनों को 15 लाख रुपए का मुआवजा देगी. इसी के साथ DMRC मृतक महिला के बच्चों की पढ़ाई का पूरा जिम्मा उठाएगी.
गुरूवार को दिल्ली के इंद्रलोक मेट्रो स्टेशन पर साड़ी व जैकेट फंसने से एक महिला की मौत हो गई थी. दिल्ली मेट्रो रेल निगम ने मृतक के स्वजनों को पांच लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है. इसी के साथ मानवीय आधार पर उनके बच्चों को 10 लाख रुपये की अतिरिक्त सहायता राशि भी दी जाएगी. DMRC की तरफ से बच्चों की शिक्षा का भी ध्यान रखा जाएगा.
यह घटना 14 दिसंबर को हुई थी. बता दें, मृतक महिला रीना अपने छह वर्षीय बेटे के साथ भांजे की शादी में शामिल होने मेरठ जा रही थीं. जिसके लिए उन्होने नांगलोई मेट्रो स्टेशन से ग्रीन लाइन की मेट्रो पकड़ी थी. इंद्रलोक स्टेशन पर मेट्रो बदलकर रेड लाइन की मेट्रो सवार हुईं, लेकिन उनका बेटा पीछे छूट गया था. रीना जब बेटे को लेने के लिए दोबारा ट्रेन से बाहर उतरी तो उस दौरान उनकी साड़ी, जैकेट मेट्रो के दरवाजे में फंस गया.
मेट्रो में कपड़ा फंसने के दौरान मेट्रो चल पड़ी. इससे वह काफी दूर तक मेट्रो के साथ घिसटती रहीं. प्लेटफॉर्म से मेट्रो ट्रेन के आगे निकलने के बाद प्लेटफार्म पर लगे गेट से टकराकर वह मेट्रो के ट्रैक पर गिर गई थीं जिससे उन्हें गंभीर चोट आई थी. बता दें हादसे के बाद 16 दिसंबर को उनकी सफदरजंग अस्पताल में मृत्यु हो गई थी. जानकारी के अनुसार, मृतक महिला के पति की पहले ही मौत हो गई थी. वह टमाटर की रेहड़ी लगाकर अपने दो नाबालिग बच्चों का भरण पोषण कर रही थीं.
दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के प्रधान कार्यकारी निदेशक अनुज दयाल का कहना है कि मेट्रो रेलवे नियम, 2017 के प्रविधानों के अनुसार, मृतक के परिजनों को पांच लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा. इसके साथ बच्चों को मानवीय सहायता के रूप में 10 लाख रुपये की अतिरिक्त राशि भी प्रदान की जाएगी। दोनों बच्चे नाबालिग हैं, इसलिए डीएमआरसी वर्तमान में कानूनी उत्तराधिकारी को राशि सौंपने के कानूनी तौर-तरीकों को सुलझाने में लगा हुआ है.