75th Republic Day: राष्ट्रीय राजधानी में कर्तव्य पथ पर परेड 'महिला केंद्रित' होगी, जो विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं द्वारा निभाई गई भूमिकाओं को दर्शाती है. इस साल भारत अपना 75वां गणतंत्र दिवस मना रहा है, जो 26 जनवरी 1950 को संविधान को अपनाने और संप्रभुता की प्राप्ति का प्रतीक है. संविधान सभा ने अपना पहला सत्र दिसंबर 1946 में और आखिरी सत्र नवंबर 1949 में आयोजित किया, जिसके एक साल बाद संविधान लागू किया गया और मसौदा समिति के प्रमुख डॉ. बीआर अंबेडकर थे.
इस वर्ष के गणतंत्र दिवस की थीम 'विकसित भारत' और 'भारत: लोकतंत्र की मातृका' है, जो देश की आकांक्षाओं और लोकतंत्र के पोषक के रूप में इसकी भूमिका का प्रतीक है. इससे पहले, रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने ने कहा कि परेड में महिला मार्चिंग टुकड़ियों का बड़ा हिस्सा होगा, जिसमें राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) और केंद्रीय मंत्रालयों और संगठनों की अधिकांश झांकियां देश की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता, एकता और प्रगति का प्रदर्शन करेंगी.
जो भी विषयों का चयन किया गया है वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विचारों के अनुरूप किया गया है. सुबह 10:30 बजे शुरू होने वाली परेड करीब 90 मिनट तक चलेगी. पहली बार, परेड की शुरुआत 100 महिला कलाकार भारतीय संगीत वाद्ययंत्र बजाते हुए करेंगी. परेड की शुरुआत महिला कलाकारों द्वारा बजाए जाने वाले शंख, नादस्वरम, नगाड़ा आदि संगीत के साथ होगी. परेड में पहली बार सभी महिलाओं की त्रि-सेवा टुकड़ी भी कर्तव्य पथ पर मार्च करती हुई दिखाई देगी. सीएपीएफ दल में महिला कर्मी भी शामिल होंगी. First Updated : Friday, 26 January 2024