World Food India 2024: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 'वर्ल्ड फूड इंडिया 2024' में अपने मैसेज में कहा कि इस आयोजन के बारे में जानकर उन्हें खुशी हुई. उन्होंने दुनिया के विभिन्न हिस्सों से आए सभी प्रतिभागियों को बधाई और शुभकामनाएं दीं. प्रधानमंत्री ने कहा कि कई देशों की भागीदारी से 'वर्ल्ड फूड इंडिया 2024' ग्लोबल फूड इंडस्ट्रीज, एजुकेशन और रिसर्च के प्रतिभाशाली दिमागों के लिए एक जीवंत मंच के रूप में सामने आता है, ताकि वे बढ़ते अवसरों का अधिकतम लाभ उठा सकें, एक-दूसरे के अनुभवों को शेयर कर सकें और दोतरफा सीख सकें.
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में एक जीवंत और विविधतापूर्ण खाद्य संस्कृति है. इंडियन फूड इकोसिस्टम की रीढ़ किसान हैं. उन्होंने कहा कि हम इनोवेटिव पॉलिसी और फोकस्ड इम्प्लिमेंटेशन के साथ किसानों की कड़ी मेहनत का समर्थन कर रहे हैं.
प्रधानमंत्री ने अपने मैसेज में आगे कहा कि आधुनिक युग में प्रगतिशील कृषि पद्धतियों, मजबूत प्रशासनिक ढांचे और अत्याधुनिक तकनीकों के माध्यम से हमारा प्रयास ये सुनिश्चित करना है कि भारत खाद्य क्षेत्र में नवाचार, स्थिरता और सुरक्षा के लिए वैश्विक मानक स्थापित करे. उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों के दौरान हमने खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को बदलने के लिए व्यापक सुधार किए हैं. उन्होंने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण में 100% एफडीआई, प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना, सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों का औपचारिकरण, खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना जैसी बहुआयामी पहलों के माध्यम से हम देश भर में आधुनिक बुनियादी ढांचे, मजबूत आपूर्ति श्रृंखलाओं और रोजगार सृजन का एक मजबूत इको सिस्टम बना रहे हैं.
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारे विजन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा छोटे उद्यमों को सशक्त बनाना है. हम चाहते हैं कि हमारे MSME फलें-फूलें और वैश्विक मूल्य श्रृंखला का अभिन्न अंग बनें और साथ ही महिलाओं को सूक्ष्म उद्यमी बनने के लिए प्रोत्साहित करें. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ऐसे समय में, वर्ल्ड फूड इंडिया हमारे लिए बी2बी बातचीत और प्रदर्शनियों, रिवर्स क्रेता-विक्रेता बैठकों और देश, राज्य और क्षेत्र-विशिष्ट सत्रों के माध्यम से दुनिया के साथ काम करने के लिए एक आदर्श मंच है.
इसके अलाना प्रधानमंत्री ने कहा कि फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) की ओर से ग्लोबल फूड रेग्यूलेट्री समिट का आयोजन वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन, FAO और कई प्रतिष्ठित घरेलू संस्थानों (Prestigious Domestic Institutions) समेत ग्लोबल रेग्यूलेटर्स को एक साथ लाएगा, ताकि फूड सेफ्टी, क्वालिटी स्टैंडर्ड और सर्वोत्तम प्रथाओं जैसे व्यापक मुद्दों पर चर्चा की जा सके.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि खाद्य सुरक्षा बढ़ाने और खाद्य अपव्यय को कम करने के लिए खाद्य विकिरण, पोषण और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए पौधे आधारित प्रोटीन, साथ ही परिपत्र अर्थव्यवस्था जैसे महत्वपूर्ण विषयों को प्रदर्शित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि आइए हम आगे बढ़ें और एक टिकाऊ, सुरक्षित, समावेशी और पौष्टिक दुनिया के निर्माण के सपने को साकार करें.
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री चिराग पासवान की अध्यक्षता में आज एक उच्च स्तरीय सीईओ गोलमेज सम्मेलन आयोजित किया गया. इसमें निवेश को बढ़ावा देने और व्यापार करने में आसानी बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया और इसमें 100 से अधिक सीएक्सओ ने भाग लिया. गोलमेज सम्मेलन में खाद्य प्रसंस्करण एवं रेल राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू, आंध्र प्रदेश के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री टीजी भारत, गुजरात के कृषि मंत्री राघवजी पटेल तथा भारत सरकार एवं राज्य सरकारों के विभिन्न मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे.
नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा तथा उपभोक्ता मामले खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रहलाद जोशी ने खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री चिराग पासवान तथा खाद्य प्रसंस्करण उद्योग एवं रेल राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू के साथ भारत मंडपम, नई दिल्ली में मेगा फूड इवेंट 'वर्ल्ड फूड इंडिया 2024' के तीसरे संस्करण का उद्घाटन किया. उन्होंने प्रदर्शनी क्षेत्रों का भी दौरा किया. यह कार्यक्रम 19 से 22 सितंबर 2024 तक आयोजित किया जाएगा.
विश्व खाद्य भारत 2024 में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा तथा उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रहलाद जोशी ने वैश्विक गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया तथा खाद्य सुरक्षा, स्थिरता और नवाचार प्राप्त करने में भारत की उल्लेखनीय यात्रा पर प्रकाश डाला. उन्होंने घरेलू और वैश्विक उपभोक्ताओं के लिए अच्छी गुणवत्ता वाला भोजन सुनिश्चित करने तथा भूख मुक्त विश्व सुनिश्चित करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई. उन्होंने आय बढ़ाने, प्रौद्योगिकी तक पहुंच में सुधार लाने तथा उनकी उपज के लिए उचित मूल्य प्रदान करने के उद्देश्य से पहलों के माध्यम से किसानों का कल्याण सुनिश्चित करने पर जोर दिया.
चिराग पासवान ने बताया कि विश्व खाद्य भारत का तीसरा संस्करण खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में वैश्विक नेता के रूप में भारत की यात्रा में एक महत्वपूर्ण क्षण है. यह कार्यक्रम भारत के खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में बदलाव को दर्शाता है, जो अंतर्राष्ट्रीय भागीदारों, उद्योग के नेताओं, नीति निर्माताओं और नवप्रवर्तकों को एक साथ लाता है. भारत के आर्थिक लचीलेपन और विकास पर बात करते हुए उन्होंने बताया कि खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र निर्यात, रोजगार और किसानों की आय बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदानकर्ता बन गया है. नवोन्मेष, स्थिरता और प्रौद्योगिकी पर विशेष ध्यान देने के साथ, यह कार्यक्रम सक्षम नीतियों और पहलों द्वारा समर्थित वैश्विक खाद्य सुरक्षा के भविष्य को आकार देने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है.
रवनीत सिंह ने अपने संबोधन में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में भारत के वैश्विक नेता के रूप में उभरने पर प्रकाश डाला, तथा नवाचार, स्थिरता और साझा समृद्धि के प्रति राष्ट्र की प्रतिबद्धता पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि सरकार स्थिरता पर ध्यान केंद्रित कर रही है, खाद्य अपशिष्ट को कम करने, नवीकरणीय ऊर्जा को अपनाने और पर्यावरण अनुकूल प्रथाओं को बढ़ावा देने के प्रयासों को आगे बढ़ा रही है.
इस आयोजन का एक प्रमुख आकर्षण खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की पीएलआईएस और पीएमकेएसवाई योजनाओं के अंतर्गत खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा समर्थित 50 से अधिक इकाइयों का उद्घाटन, 25,000 पीएमएफएमई लाभार्थियों को ऋण-लिंक्ड सब्सिडी का वितरण और 70,000 एसएचजी सदस्यों को प्रारंभिक पूंजी की मंजूरी देना था. अपशिष्ट प्रबंधन, कुशल जल उपयोग और नवीन खाद्य प्रसंस्करण प्रौद्योगिकियों में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए स्टार्टअप ग्रैंड चैलेंज के हिस्से के रूप में, इस कार्यक्रम के दौरान चैलेंज के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया. मंत्रालय विजेताओं को NIFTEM-कुंडली के माध्यम से वित्तीय और इनक्यूबेशन सहायता प्रदान करेगा.
यह आयोजन सरकारी निकायों, उद्योग पेशेवरों, किसानों, उद्यमियों और अन्य हितधारकों के लिए विचार-विमर्श करने, साझेदारियां स्थापित करने और कृषि-खाद्य क्षेत्र में निवेश के अवसरों का पता लगाने के लिए एक प्रमुख नेटवर्किंग और व्यापार मंच के रूप में काम करेगा. भारतीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के नवाचार और ताकत को प्रदर्शित करने के लिए स्टार्टअप और प्रौद्योगिकी सहित विभिन्न मंडप स्थापित किए गए हैं. भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) द्वारा 20 से 21 सितंबर 2024 तक विश्व खाद्य भारत के साथ मिलकर वैश्विक खाद्य नियामक शिखर सम्मेलन 2024 का आयोजन किया जा रहा है. शिखर सम्मेलन में खाद्य सुरक्षा, गुणवत्ता मानकों और सर्वोत्तम प्रथाओं पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जिसमें वैश्विक खाद्य नियामक, WHO, FAO, घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों के प्रतिभागी शामिल होंगे.
इस कार्यक्रम में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के विभिन्न पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए 40 से अधिक सत्रों की मेजबानी की जाएगी, जिसमें मशीनरी और प्रौद्योगिकी में गुणवत्ता आश्वासन और नवाचारों पर जोर दिया जाएगा. इस कार्यक्रम में दुनिया भर के 90 से अधिक देशों के प्रतिभागियों, रिवर्स बायर सेलर मीट के लिए 1000 खरीदारों और प्रमुख खाद्य प्रसंस्करण कंपनियों के सीईओ की मेजबानी की जाएगी. जापान ने खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय के साथ भागीदार देश के रूप में सहयोग किया है, जबकि वियतनाम और ईरान इस कार्यक्रम के फोकस देश हैं. घरेलू भागीदारी के संदर्भ में लगभग 26 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश भाग ले रहे हैं साथ ही 18 केंद्रीय मंत्रालय और संबद्ध सरकारी निकाय भी भाग ले रहे हैं.