पहलवान विनेश और बजरंग को मिली दिल्ली HC से राहत, एशियाई खेलों के ट्रायल में रहेगी बरकरार छूट

दिल्ली उच्च न्यायालय ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) द्वारा एशियाई खेलों 2023 में सीधे प्रवेश के लिए पहलवानों, बजरंग पुनिया और विनेश फोगट को दी गई छूट पर पहलवानों, अंतिम पंघाल और सुजीत कलकल द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया...

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दिल्ली हाई कोर्ट ने एशियाई खेलों 2023 में सीधे प्रवेश के लिए पहलवानों को दी गई छूट के खिलाफ लगाई गई याचिका शनिवार 22 जुलाई को खारिज कर दी. भारतीय कुश्ती महासंघ WFI की ओर से एशियाई खेलों 2023 में प्रवेश करने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय ने भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) द्वारा एशियाई खेलों 2023 में सीधे प्रवेश के लिए पहलवानों, बजरंग पुनिया और विनेश फोगट को दी गई छूट पर पहलवानों, अंतिम पंघाल और सुजीत कलकल द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया. 

पहलवान अंतिम पंघाल कहते हैं, ''न्याय मिलने तक हमारी लड़ाई जारी रहेगी... मैं जीतने के लिए अपना 100% दूंगा।'' हम इतने सालों से प्रैक्टिस कर रहे हैं, सीधे भेजने का क्या मतलब है, क्या हमें भी अपनी प्रैक्टिस बंद कर देनी चाहिए?”

भारतीय ओलंपिक संघ की तदर्थ समिति के सदस्य भूपेंदर सिंह बाजवा का कहना है, "छूट नीति के अनुसार है, अच्छे खिलाड़ियों को चोट से बचाने के लिए छूट दी जा सकती है. इसमें कुछ भी गलत नहीं है और यह नीति के अनुसार दी गई है."

IOA के तदर्थ पैनल ने मंगलवार को ट्रायल के मानदंड को घोषित करते हुए कहा था कि सभी भार वर्गों में ट्रायल्स होंगे, लेकिन उन्होंने पुरूषों के फ्रीस्टाइल 65 किग्रा और महिलाओं के 53 किग्रा भार वर्ग में पहले ही पहलवानों को चयन कर लिया है. इसमें ओलंपिक पदक विजेता बंजरंग पुनिया और विश्व पद विजेता विनेश फोगाट को छूट दी गई थी. इन दोनों पहलवानों को सीधे प्रवेश का अंडर- 20 विश्व चैंपियन अंतिम पंघाल और अंडर-23 एशियाई चैंपियन सुजीत कलकल ने विरोध किया है.  First Updated : Saturday, 22 July 2023