महंत रविंद्र पुरी ने बताया कि वर्तमान में धार्मिक स्थलों से जुड़े कई गंभीर मामले सामने आ रहे हैं, जैसे प्रसाद में चर्बी मिलाने और खाने-पीने के सामान में गंदगी मिलाने की घटनाएं. इन समस्याओं को दूर करने और धार्मिक स्थलों की पवित्रता बनाए रखने के लिए सनातन बोर्ड का गठन बेहद जरूरी हो गया है. बोर्ड में संत समाज के प्रमुख सदस्य शामिल होंगे, जो मठ-मंदिरों की निगरानी करेंगे और उनकी स्वच्छता और प्रबंधन को सुनिश्चित करेंगे.

महंत पुरी ने महाकुंभ में गैर-सनातनियों की भागीदारी को रोकने की मांग दोहराई और वोट जिहाद के मुद्दे पर अपनी चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि लोग सरकारी सुविधाएं तो लेते हैं, लेकिन जब बात वोट देने की आती है, तो असहयोग करते हैं. सनातन बोर्ड का गठन सनातन धर्म और उसकी परंपराओं को सुरक्षित रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.