'देवकीनंदन ठाकुर की धर्म संसद: 'अब हिंदू हक लेकर रहेंगे', सनातन बोर्ड की जोरदार मांग!'
दिल्ली में देवकीनंदन ठाकुर ने सनातन धर्म संसद बुलाई, जिसमें सनातन बोर्ड के गठन की जोरदार मांग की गई. ठाकुर ने कहा, 'हिंदू हक लेकर रहेंगे' और साथ ही गौहत्या, लव जिहाद और कृष्ण जन्मभूमि जैसे अहम मुद्दों पर भी अपनी बात रखी. क्या सरकार इस मांग को गंभीरता से लेगी? जानें पूरी खबर में!
New Delhi: दिल्ली में कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर द्वारा बुलाई गई विराट धर्म संसद ने आज सनातन धर्म के अधिकारों को लेकर एक बड़ा संदेश दिया. इस धर्म संसद का मुख्य एजेंडा था सनातन बोर्ड का गठन, जिसके तहत हिंदू धर्म से जुड़े अहम मुद्दों पर चर्चा हुई. इसके साथ ही लव जिहाद, गौहत्या और कृष्ण जन्मभूमि जैसे मुद्दों को भी उठाया गया.
सनातन बोर्ड की मांग पर जोर
धर्म संसद में देवकीनंदन ठाकुर ने जोरदार आवाज़ में कहा, “अब हम बंटेंगे नहीं, हम कटेंगे नहीं. हिंदू अपना हक लेकर रहेंगे.” उन्होंने सनातन धर्म के उन प्राचीन मूल्यों और परंपराओं को पुनर्जीवित करने की बात की, जो आजकल दबती जा रही हैं. ठाकुर का कहना था कि सनातन बोर्ड का गठन किया जाए ताकि हिंदू धर्म से जुड़ी हमारी परंपराओं को पुनः स्थापित किया जा सके.
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— India Daily Live (@IndiaDLive) November 15, 2024
उन्होंने कहा, 'अगर सनातन बोर्ड बनेगा, तो हमारी गौमाता की जो दुर्दशा हो रही है, उसके लिए गौशालाएं बनवाएंगे और धर्म परिवर्तन के शिकार लोगों को फिर से सनातन धर्म से जोड़ने के लिए उन्हें आर्थिक मदद दी जाएगी.' उन्होंने यह भी कहा कि यह कदम हिंदू धर्म के प्राचीन क़ुलगुरू परंपराओं को बचाने और जागरूक करने की दिशा में महत्वपूर्ण होगा.
कृष्ण जन्मभूमि पर भी दी कड़ी चेतावनी
इसके अलावा देवकीनंदन ठाकुर ने मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि के मुद्दे को भी उठाया. उन्होंने कहा, 'हमारे कन्हैया अभी भी जामा मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे दबे हुए हैं. क्या हमारे जमीर मर चुके हैं? अगर जमीर जिंदा है, तो हमें कन्हैया को वहां से निकालकर मथुरा में एक भव्य मंदिर बनाना चाहिए.' उनके इस बयान ने धर्म संसद में उपस्थित लोगों को काफी उत्साहित किया और जोरदार तालियां बजीं.
धर्म संसद में बड़ी हस्तियों की मौजूदगी
धर्म संसद में शामिल होने के लिए तमाम प्रमुख नेता, जैसे मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, जेपी नड्डा और अखिलेश यादव को निमंत्रण भेजा गया था, लेकिन यह देखा गया कि आयोजन में मुख्य तौर पर धर्म जगत के बड़े लोग ही उपस्थित थे. देवकीनंदन ठाकुर ने इस मौके पर उपस्थित जनसमूह से यह भी कहा कि अब समय आ गया है जब हिंदू समाज अपनी आवाज़ को और जोर से उठाए, ताकि सरकार तक यह संदेश पहुंचे.
कड़ी प्रतिक्रिया और एक नया कदम
देवकीनंदन ठाकुर का कहना था, 'इतना जोर से बोलो कि सरकार तक हमारी आवाज़ पहुंचे.' उन्होंने यह स्पष्ट किया कि जो लोग हिंदू धर्म पर हमला करने की योजना बना रहे हैं, वे इसका परिणाम देखेंगे. धर्म संसद के दौरान पूरे हॉल में एक नयी ऊर्जा का माहौल था और लोग सनातन बोर्ड की मांग को लेकर काफी उत्साहित थे.
नवीन दिशा की ओर एक कदम
यह धर्म संसद सनातन धर्म के भविष्य को लेकर एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है. देवकीनंदन ठाकुर ने सनातन बोर्ड के गठन की बात तो की ही, साथ ही हिंदू धर्म के प्रमुख मुद्दों को उठाकर समाज में जागरूकता फैलाने का भी आह्वान किया. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या सरकार इस मांग को गंभीरता से लेगी और हिंदू समाज के लिए एक सशक्त मंच की स्थापना होगी.
एक सशक्त और संगठित हिंदू समाज की ओर
धर्म संसद में उठाए गए मुद्दे इस बात का संकेत देते हैं कि हिंदू समाज अब जागरूक हो चुका है और वह अपने अधिकारों को लेकर सख्त है. देवकीनंदन ठाकुर ने साफ कहा कि अब हम अपने हक के लिए खड़े हैं और हम अपनी आवाज़ को दबने नहीं देंगे. यह धर्म संसद एक नये संघर्ष की शुरुआत हो सकती है, जो हिंदू धर्म के अधिकारों को पुनः स्थापित करने की दिशा में अहम साबित होगा.