Dhananjay Singh: जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह और और उनके सहयोगी संतोष विक्रम को अपहरण और रंगदारी मामले में अपर सत्र न्यायाधीश शरद त्रिपाठी द्वारा दोषी करारा दिया गया है. उन पर बुधवार 6 मार्च को सुनवाई होगी.
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर निवासी नमामि गंगे को पोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल ने 10 मई 2020 को लाइन बाजार थाने में अपहरण रंगदारी व अन्य धाराओं मे पूर्व सांसद धंनजय सिंह और साथी संतोष विक्रम पर FIR दर्ज कराई थी.
माफिया धनंजय सिंह की 27 साल की उम्र में साल 2002 के विधानसभा चुनाव निर्दलीय लड़े और जीते. जिसके बाद 2007 में JDU के टिकट पर विधायक चुने गए. फिर बसपा में शामिल हो गए. बसपा की टिकट पर साल 2009 का लोकसभा चुनाव लड़ा और जीता. बतौर सांसद जौनपुर लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया. धनंजय सिंह की जौनपुर संसदीय क्षेत्र में ठाकुर वोटबैंक पर अच्छी पकड़ है.
शासकीय अधिवक्ता लाल बहादुर पाल ने बताया कि मामला चार साल पुराना है. नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेदर अभिनव सिंघल ने लाइन बाजार थाने में अपहरम और रंगदारी मांगने की FIR धनंजय सिंह और उनके सहयोगी संतोष विक्रम सिंह पर मुकादमा दर्द कराई है. जांच से पता चला है कि पुलिस ने MP-MLA कोर्ट में चार्जशीट दायर की. सुनवाई क दौरान कोर्ट ने धनंजय सिंह और संतोष विक्रम सिंह को दोषी पाया. First Updated : Tuesday, 05 March 2024