क्या अमेरिका ने सिखों से पगड़ी उतारने को कहा? भारत ने उठाए सवाल, अमेरिका ने दी सफाई!
केंद्र सरकार ने उन रिपोर्टों पर कड़ी आपत्ति जताई है, जिनमें कहा गया कि निर्वासित सिखों से उनकी पगड़ी उतारने को कहा गया. सरकार ने इस मामले को लेकर अमेरिका से स्पष्टीकरण मांगा और यह स्पष्ट किया कि सिखों की धार्मिक पहचान और सम्मान को लेकर कोई समझौता नहीं किया जा सकता. भारत ने अमेरिकी अधिकारियों के समक्ष अपनी चिंताओं को दर्ज किया और इस मुद्दे पर गंभीर ध्यान देने की आवश्यकता जताई.

हाल ही में तीन सैन्य विमानों से अमेरिका से लौटे भारतीय नागरिकों के साथ हुए व्यवहार को लेकर भारत सरकार ने औपचारिक चिंता जताई. इन विमानों में धार्मिक संवेदनशीलता और खाद्य प्राथमिकताओं से जुड़ी समस्याएं उठाई गई थीं.
विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने राज्यसभा में बताया कि सरकार ने अमेरिका से यह शिकायत की थी कि कुछ निर्वासित सिखों से उनकी पगड़ी उतारने को कहा गया, जबकि महिलाओं और बच्चों को भारत लाने के दौरान बेड़ियों में बांधकर लाया गया. इस मामले को लेकर भारत सरकार ने अमेरिका के समक्ष अपनी आपत्ति दर्ज कराई है और इन घटनाओं की कड़ी निंदा की है.
अमेरिका की प्रतिक्रिया
अमेरिकी अधिकारियों ने भारत सरकार की चिंताओं का जवाब देते हुए कहा कि उन विमानों में कोई भी महिला या बच्चा बेड़ियों में नहीं था, और न ही किसी से धार्मिक आवरण हटाने को कहा गया था. 15 और 16 फरवरी 2025 को भारत पहुंचे विमानों में इस तरह की घटनाओं का कोई प्रमाण नहीं है. अमेरिका ने यह भी कहा कि शाकाहारी भोजन के अलावा कोई अन्य धार्मिक सुविधा नहीं मांगी गई थी.
संवेदनशील मुद्दों पर सामंजस्य
इस घटनाक्रम में धार्मिक संवेदनशीलता और खाद्य प्राथमिकताओं का ध्यान रखा गया, लेकिन भारत सरकार ने फिर भी इस व्यवहार को लेकर अमेरिकी अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा. अमेरिका ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि इस तरह के विवादों की पुनरावृत्ति से बचने के लिए वह भविष्य में अधिक संवेदनशीलता से काम करेगा.
इस मामले से यह भी स्पष्ट होता है कि दोनों देशों के बीच आपसी समझ और सहयोग की आवश्यकता है, खासकर तब जब यह संवेदनशील मुद्दों से संबंधित हो.