Arvind Kejriwal Ignore Rahul Gandhi: झारखंड विधानसभा चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के नेता हेमंत सोरेन की जबरदस्त जीत के बाद, उन्होंने गुरुवार को रांची में एक भव्य समारोह में राज्य के 14वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. इस मौके पर देशभर से कई प्रमुख नेता मौजूद थे, जिनमें कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी, तृणमूल कांग्रेस की ममता बनर्जी, आम आदमी पार्टी (AAP) के अरविंद केजरीवाल और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता भी शामिल थे.
लेकिन कुछ ही दिनों बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें दावा किया जा रहा था कि अरविंद केजरीवाल ने शपथ ग्रहण समारोह में राहुल गांधी को जानबूझकर अनदेखा किया. वीडियो में ऐसा दिख रहा था कि केजरीवाल और राहुल गांधी एक-दूसरे से मिलते नहीं हैं, जिससे यह सवाल उठाया गया कि क्या केजरीवाल ने जानबूझकर राहुल गांधी से हाथ नहीं मिलाया.
वायरल वीडियो की सच्चाई क्या है?
जब इस वीडियो की गहनता से जांच की गई, तो यह पाया गया कि वीडियो का एक छोटा सा हिस्सा वायरल किया गया था, जो बिना किसी संदर्भ के था. पूरा वीडियो देखने पर यह स्पष्ट हो गया कि समारोह में दोनों नेताओं के बीच किसी तरह का विवाद नहीं था. दरअसल, विस्तारित वीडियो में केजरीवाल और राहुल गांधी एक-दूसरे से मिलते हुए और एक-दूसरे का अभिवादन करते हुए दिखाई दे रहे हैं. इससे साफ है कि वीडियो को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया था और उसमें जो दावा किया गया था, वह बिल्कुल गलत था.
झारखंड विधानसभा चुनाव और हेमंत सोरेन की जीत
झारखंड विधानसभा चुनाव में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM), कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने एकजुट होकर चुनाव लड़ा. इस गठबंधन ने 81 सदस्यीय विधानसभा में 56 सीटें जीतीं, जबकि भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए को 24 सीटें मिलीं. यह जीत हेमंत सोरेन के लिए बेहद महत्वपूर्ण थी क्योंकि उन्होंने खुद बरहेट सीट से भारी अंतर से जीत हासिल की थी.
शपथ ग्रहण समारोह में कौन-कौन था शामिल?
हेमंत सोरेन का शपथ ग्रहण समारोह किसी बड़े राजनीतिक घटना से कम नहीं था. इस समारोह में कई महत्वपूर्ण नेता शामिल हुए, जिनमें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल और उनकी पत्नी सुनीता, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव और राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव जैसे नेता शामिल थे. इसके अलावा, कर्नाटका के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार, तेलंगाना के डिप्टी सीएम मल्लू भट्टी विक्रमार्क और तमिलनाडु के मंत्री यू स्टालिन भी समारोह में उपस्थित थे.
क्या था वायरल वीडियो का उद्देश्य?
दरअसल वायरल वीडियो को जानबूझकर गलत तरीके से पेश किया गया था ताकि यह संदेश दिया जा सके कि केजरीवाल और राहुल गांधी के बीच कोई मतभेद है. लेकिन जांच से यह स्पष्ट हो गया कि वीडियो में कोई भी विवाद नहीं था और दोनों नेताओं ने समारोह में एक-दूसरे से सामान्य रूप से मुलाकात की थी.
वायरल वीडियो में जो दावा किया गया था, वह पूरी तरह से गलत था. वीडियो को केवल एक छोटे से हिस्से से काटकर शेयर किया गया था, जिससे गलत जानकारी फैलाने की कोशिश की गई थी. असलियत यह है कि समारोह में सभी नेताओं के बीच सौहार्दपूर्ण माहौल था और किसी भी प्रकार का अनदेखा या विवाद नहीं हुआ. First Updated : Saturday, 30 November 2024