'क्या नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी का कैंसर घरेलू नुस्खों से ठीक हुआ? 850 करोड़ का नोटिस क्यों आया?'
नवजोत सिंह सिद्धू ने अपनी पत्नी के कैंसर के इलाज के लिए घरेलू नुस्खों का दावा किया, जिसे लेकर अब एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. छत्तीसगढ़ सिविल सोसाइटी ने सिद्धू को 850 करोड़ रुपये का कानूनी नोटिस भेजा है और 40 दिनों में स्पष्टीकरण मांगा है. सिद्धू के बयान को लेकर टाटा मेमोरियल अस्पताल ने भी चेतावनी दी है. क्या सिद्धू इस विवाद का जवाब देंगे, या मामला अदालत तक जाएगा? जानिए पूरी कहानी.
Cancer with Home Remedies: नवजोत सिंह सिद्धू, जो पूर्व क्रिकेटर और कांग्रेस नेता हैं, अपनी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू के कैंसर के इलाज को लेकर विवादों में फंस गए हैं. सिद्धू ने हाल ही में यह दावा किया था कि उनकी पत्नी के कैंसर का इलाज घरेलू नुस्खों से हुआ था. सिद्धू ने एक डाइट प्लान के बारे में जानकारी दी, जिसके बारे में उनका कहना था कि इसी डाइट ने उनकी पत्नी के कैंसर के इलाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. हालांकि, सिद्धू का यह दावा उनके लिए मुसीबत बन गया है और अब इस मुद्दे पर कानूनी विवाद उठ खड़ा हुआ है.
850 करोड़ का कानूनी नोटिस और 40 दिनों का अल्टीमेटम
छत्तीसगढ़ सिविल सोसाइटी ने नवजोत सिंह सिद्धू और उनकी पत्नी को 850 करोड़ रुपये का कानूनी नोटिस भेजा है. इस नोटिस में सिद्धू से 40 दिनों के अंदर अपने दावों का स्पष्टीकरण मांगा गया है. यदि वह स्पष्टीकरण नहीं देते या अपने बयान से माफी नहीं मांगते, तो उन्हें अदालत का सामना करना पड़ेगा. इस नोटिस में यह भी चेतावनी दी गई है कि उनके बयान ने कैंसर के इलाज से संबंधित भ्रम फैलाया है और लोगों को एलोपैथी दवाओं के खिलाफ खड़ा कर दिया है, जो पूरी तरह से अवैज्ञानिक और हानिकारक हो सकता है.
टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल की एडवाइजरी ने सिद्धू के दावों को किया खारिज
सिद्धू के दावों के बाद टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल ने एक एडवाइजरी जारी की है, जिसमें कहा गया है कि घरेलू नुस्खों से कैंसर के इलाज का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है. अस्पताल ने कहा कि ऐसे दावों का कोई प्रमाण नहीं है और कैंसर के लक्षण दिखने पर लोगों को तुरंत चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए. यह एडवाइजरी विशेष रूप से कैंसर रोगियों के लिए एक चेतावनी के रूप में जारी की गई है, ताकि वे किसी भी झूठे इलाज से बचें.
सिद्धू की माफी पर बड़ा सवाल
सिद्धू ने पहले अपने बयान में कहा था कि डॉक्टर भगवान के समान होते हैं और वह कैंसर के इलाज के लिए जो घरेलू नुस्खे बताए हैं, उन पर उनका पूरा विश्वास है. हालांकि, अब यह मामला एक कानूनी विवाद में बदलता दिख रहा है. छत्तीसगढ़ सिविल सोसाइटी ने कहा है कि अगर सिद्धू सात दिनों के अंदर माफी नहीं मांगते और अपने दावों के लिए कोई प्रमाणित वैज्ञानिक दस्तावेज पेश नहीं करते, तो मामला अदालत में जाएगा.
कानूनी कदम उठाने का दबाव
सिद्धू के बयान ने सिर्फ चिकित्सा समुदाय ही नहीं, बल्कि पूरे देश में हलचल मचा दी है. सिविल सोसाइटी और चिकित्सा विशेषज्ञ सिद्धू के इस बयान के खिलाफ खड़े हो गए हैं. अब यह देखना होगा कि सिद्धू इस कानूनी नोटिस का कैसे जवाब देते हैं और क्या वह अपने बयान से माफी मांगते हैं या नहीं.
यह मामला अब एक बड़े विवाद में बदलता जा रहा है और इसके प्रभाव देशभर में महसूस किए जा रहे हैं, क्योंकि कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के इलाज को लेकर इस तरह के गलत दावे केवल भ्रम ही नहीं, बल्कि मरीजों के स्वास्थ्य के लिए खतरे का कारण भी बन सकते हैं. नवजोत सिंह सिद्धू के घरेलू नुस्खों से कैंसर इलाज के दावे अब कानूनी मुसीबत में तब्दील हो चुके हैं. क्या सिद्धू अपने बयान पर माफी मांगेंगे या यह मामला अदालत तक जाएगा, यह देखना बाकी है.