चुनावी वादे पूरे हुए या नहीं? क्या वोटर को यह जानने का हक़ है? चुनाव आयुक्त ने दिया जवाब
Lok Sabha Election 2024: राजीव कुमार मे राजनीतिक पार्टियों के बारे में कई बातें कहीं, उनका कहना है कि चुनावी घोषणापत्र में वादे करने का अधिकार है और मतदाताओं को जानने का पूरा अधिकार है कि वादे असली हैं या नहीं.
Election 2024: चुनाव नजदीक आते ही पार्टियां तरह-तरह के लुभावने वादे करने लगती हैं. हालांकि कुछ वादे तो ऐसे होते हैं जो कभी या फिर कई वर्षों तक पूरे ही नहीं होते. इस संबंध में शनिवार को राजीव कुमार ने कई सवालों के जवाब दिए. उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस में मतदाताओं के अधिकार के बारे काफी कुछ कहा, उन्होंने बताया कि मतदाताओं को राजनीतिक पार्टियों द्वारा किए गए वादों की व्यहारिकता के बारे में जानने के पूरा अधिकार है. इसके लिए एक प्रारूप भी तैयार गया है.
ऑललाइन लेनदेन पर नजर
राजीव कुमार का कहना है कि राजनीतिक पार्टियों को अपने चुनावी घोषणापत्र में वादे करने का अधिकार है और मतदाताओं को यह जानने का पूरा अधिकार है कि ये वादे असली है या नहीं. प्रेस कॉन्फ्रेरेंस में इस पर किए गए सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, प्रवर्तन निदेशालय को सतर्क रहने और कॉरपोरेशन को भी ऑनलाइन लेनदेन पर नजर रखने को कहा गया है.
राजीव कुमार ने सवालों के जवाब देते हुए कहा है कि निर्वाचन आयोग ने पार्टियों को अपने चुनावी वादों को बताने के लिए एक 'प्रारूप' तैयार किया है, हालांकि यह पहलू अदालत में लंबित मामले से भी संबंधित है, उन्होंने आगे कहा कि कानून लागू करने वाली एजेंसियों को सतर्क रहने और नकदी तथा उपहारों के वितरण को रोकने का निर्देश दिया गया है.
फर्जी खबर को लेकर बोले राजीव कुमार
कुमार ने बताया है कि भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम को भी ऑनलाइन लेनदेन पर नजर रखने का काम सौंपा गया है. फर्जी खबर के संबंध में एक सवला के जवाब में कुमार ने कहा, आज फर्जी खबरें तल रही हैं. जैसा कि आपने बताया कि चुनाव की तारीखों की घोषणा हो गई है. हालांकि, आधे घंटे के भीतर इस फर्जी खबर का खंडन कर दिया गया. साथ ही बताया गया कि यह खबर सही नहीं है.
मतदाताओं को लुभाने का आरोप
तमिलनाडु में पार्टियां अक्सर एक दूसरे पर नकदी और उपहार बांटकर मतदाताओं को लुभाने का आरोप लगा रही हैं. निर्वाचन आयोग के मुताबिक, तमिलनाडु में 6.19 करोड़ मतदाता हैं. जिनमें 3.15 करोड़ महिलाएं और 3.04 करोड़ पुरुष हैं, 20 से 29 वर्ष की आयु के 1.08 करोड़ लोग हैं, जबकि 18 से 19 वर्ष की आयु के बीच के ऐसे मतदाताओं की संख्या 9.18 लाख है जो पहली बार वोट देंगे.