बंगाल में डॉक्टरों का आंदोलन जारी, IMA ने CM ममता को लिखा पत्र, कहा- सुरक्षा जरूरी चीज
Indian Medical Association: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से कोलकाता में भूख हड़ताल पर बैठे जूनियर डॉक्टरों की समस्याओं का समाधान करने का आग्रह किया है. IMA ने कहा कि डॉक्टरों के लिए सुरक्षित कामकाजी माहौल मांगना किसी विलासिता नहीं, बल्कि एक जरूरी चीज है. आईएमए ने ममता बनर्जी को एक पत्र लिखकर कहा कि युवा डॉक्टरों ने लगभग एक सप्ताह से भूख हड़ताल शुरू की है और उनकी मांगों पर तुरंत ध्यान देने की आवश्यकता है.
West Bengal News: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से कोलकाता में भूख हड़ताल पर बैठे जूनियर डॉक्टरों की समस्याओं का समाधान करने का आग्रह किया है. IMA ने कहा कि डॉक्टरों के लिए सुरक्षित कामकाजी माहौल मांगना किसी विलासिता नहीं, बल्कि एक जरूरी चीज है. आईएमए ने ममता बनर्जी को एक पत्र लिखकर कहा कि युवा डॉक्टरों ने लगभग एक सप्ताह से भूख हड़ताल शुरू की है और उनकी मांगों पर तुरंत ध्यान देने की आवश्यकता है.
कोलकाता के आर जी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के जूनियर डॉक्टर अपनी एक सहकर्मी के साथ हुए कथित बलात्कार और हत्या के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. उनकी भूख हड़ताल अब पांचवें दिन में है. आईएमए ने कहा कि वे इन डॉक्टरों की उचित मांगों का समर्थन करती है. आईएमए ने कहा, शांतिपूर्ण माहौल और सुरक्षा कोई विलासिता नहीं है. यह एक जरूरी चीज है. हम आपसे अपील करते हैं कि आप युवा चिकित्सकों की समस्याओं को सुलझाएं.
डॉक्टरों की हड़ताल जारी
पश्चिम बंगाल सरकार के अधिकारियों ने डॉक्टरों की हड़ताल खत्म कराने के लिए बुधवार रात बैठक की, लेकिन यह बैठक बेनतीजा रही. डॉक्टरों ने आरोप लगाया कि उन्हें सरकार से सिर्फ मौखिक आश्वासन मिले, लेकिन कोई ठोस समाधान नहीं मिला. राज्य सरकार ने स्वास्थ्य सेवा प्रणाली की सफाई और अस्पतालों में सुरक्षा बढ़ाने की मांगों पर लिखित निर्देश देने से मना कर दिया.
50 डॉक्टर्स ने दिया सामूहिक इस्तीफा
जूनियर डॉक्टरों के समर्थन में कई सीनियर डॉक्टर भी आगे आए. आर जी कर अस्पताल के 50 से ज्यादा डॉक्टरों ने सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया, लेकिन राज्य सरकार ने कहा कि उसे ऐसा कोई इस्तीफा नहीं मिला.
डॉक्टरों की मांगें:
1. अस्पतालों के लिए एक केंद्रीकृत रेफरल सिस्टम बनाया जाए.
2. कार्यस्थलों पर उचित सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं और अस्पतालों में पुलिस सुरक्षा बढ़ाई जाए.
3. स्थायी महिला पुलिसकर्मियों की भर्ती की जाए। डॉक्टरों, नर्सों और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के रिक्त पदों को जल्दी भरा जाए.