KOLKATA RAPE CASE: कोलकाता में घटी एक घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया जहाँ एक ट्रेनी डॉक्टर आरजी कर मेडिकल कॉलेज में मृत पायी गई. उसके साथ रेप कर दरिंदगी की सारी हदें पार करने के बाद उसकी हत्या कर दी गयी.कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के सेमिनार हॉल में 9 अगस्त, 2024 को एक पोस्ट ग्रेजुएट ट्रेनी डॉक्टर का शव प्राप्त हुआ.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गला घोंटने की पुष्टि
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि डॉक्टर के शरीर पर 14 से ज्यादा चोट के निशान थे, लेकिन कोई फ्रैक्चर नहीं मिला. उसके सिर, गाल, होंठ, नाक, दायां जबड़ा, ठुड्डी, गर्दन, बाएं हाथ, कंधे, घुटने, टखने और प्राइवेट पार्ट पर चोटें पाई गई हैं. बाहरी और आंतरिक जननांग का कुल वजन 151 ग्राम था. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, शरीर के कई हिस्सों में खून के थक्के जमने और फेफड़ों में रक्तस्राव देखा गया। विसरा, ब्लड और अन्य नमूनों का विश्लेषण अभी भी लैब में किया जा रहा है
गला घोंट कर हुई हत्या
जब कोलकाता का ये केस सबके सामने आया था तब उस ट्रेनी डॉक्टर की मृत्यु को आत्महत्या बताया गया था, लेकिन उस की तस्वीर में कई चोटें और निशान दिख रही थी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, पीड़िता के शरीर और प्राइवेट पार्ट पर लगी सभी चोटें उसकी मौत से पहले की हैं. मेडिकल ऑफिसर ने बताया कि उसकी मौत दोनों हाथों से गला घोंटने के कारण हुई थी. प्राइवेट पार्ट में बलात्कारी पेनिट्रेशन के भी साक्ष्य मिले हैं, और रिपोर्ट में यौन उत्पीड़न की संभावना भी उठाई गई है.जिससे ये बात तो साफ़ हो गयी है की ये हत्या है.
20 अगस्त को होगी केस की सुनवाई
कोलकाता रेप केस में अब नया मोड़ आया है. जहाँ सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता कांड का स्वतः संज्ञान लिया है. 20 अगस्त को सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ और अन्य न्यायाधीश इस मामले की सुनवाई करेंगे. यह केस मंगलवार को तय मुकदमों की सूची में 66वें नंबर पर है, लेकिन इसे प्राथमिकता दी जाएगी. 17 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी, जिसमें पोस्ट ग्रेजुएट डॉक्टर के साथ हुई बर्बरता पर स्वतः संज्ञान लेने की अपील की गई थी.
दिल्ली एम्स के डॉक्टरों की हड़ताल रहेगी जारी
इस मामले ने देशभर में आक्रोश और डॉक्टरों की हड़ताल को जन्म दिया है. दिल्ली एम्स के रेजिडेंट डॉक्टरों ने एक ट्रेनी डॉक्टर की हत्या और बलात्कार के विरोध में 12 अगस्त से हड़ताल शुरू किया है. इस हड़ताल में ओपीडी और वार्ड जैसी सभी गैर-आपातकालीन सेवाएं बंद कर दी गई हैं. हालांकि, डॉक्टर मरीजों के लिए 36 मुफ्त वैकल्पिक ओपीडी सेवाएं भी प्रदान करेंगे, जो सुबह 11 बजे से निर्माण भवन के बाहर उपलब्ध होंगी .
सुरक्षा के लिए नए कानून बनाने की मांग
पद्म पुरस्कार विजेता डॉक्टरों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से अपील की है कि वे कोलकाता में हुई घटना के बाद चिकित्सा कर्मियों की सुरक्षा के लिए तुरंत कदम उठाएं. सभी अस्पतालों के डॉक्टर न्याय और सुरक्षा के लिए एक नया कानून बनाने की मांग कर रहे हैं. एम्स आरडीए ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी सुरक्षा के लिए केंद्रीय कानून बनाने की गुजारिश की है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने डॉक्टरों को सुरक्षा का आश्वासन दिया है और इस मामले में उपाय सुझाने के लिए एक समिति बनाने की घोषणा की है. इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पिछले हफ्ते प्रदर्शनकारी डॉक्टरों को उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करने का आश्वासन दिया था. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 17 अगस्त को कहा कि वह मेडिकल प्रोफेशनल्स की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उपाय सुझाने के लिए एक समिति बनाएगी.
First Updated : Monday, 19 August 2024