कुत्तों के काटने की रिपोर्ट देखकर रह जाएंगे दंग, दुनिया भर के लिए समस्या बनता जा रहा रेबीज़
Dog Bite Cases: मशहूर ‘वाघ बकरी’ चाय कंपनी के मालिक पराग देसाई का निधन हो गया. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कुत्तों के हमले से बचने की कोशिश के दौरान वह गिर गए और घायल हो गए थे.
हाइलाइट
- भारत में लगातार बढ़ रहे हैं रेबीज़ के मामले.
- विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट ने चौंकाया.
- रेबीज़ से हर 9 मिनट में हो रही है एक मौत.
Dog Bite Cases: गुजरात की मशहूर ‘वाघ बकरी’ चाय कंपनी के मालिक और कार्यकारी निदेशक पराग देसाई का रविवार, (22 अक्टूबर, 2023) को अहमदाबाद के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया. 49 वर्षीय देसाई ब्रेन हेमरेज के कारण अस्पताल में भर्ती थे. करीब एक सप्ताह से वह वेंटीलेटर पर थे. वह उस समय घायल हो गए थे जब स्ट्रीट डॉग्स ने उनपर हमला कर दिया था.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पराग देसाई 15 अक्टूबर को जब मॉर्निंग वॉक पर निकले थे तब आवारा कुत्तों ने उन पर हमला कर दिया था. कुत्तों के हमले से बचने की कोशिश के दौरान वह गिर गए जिसके बाद उन्हें ब्रेन हैमरेज हो गया. जिसके बाद उन्हें नजदीक के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया.
लगातर बढ़ रहे हैं रेबीज के मामले
यहां ध्यान देने वाली बात है कि यह कोई पहली या दूसरी घटना नहीं है जब कुत्तों के हमले से किसी व्यक्ति की जान गई हो. भारत के अलग-अलग हिस्से में इस तरह की घटनाएं लगातार दर्ज की जा रही हैं, खासकर राजधानी दिल्ली, नोएडा और गुरुग्राम में आए दिन ऐसे मामले सामने आ रहे हैं. भारत के लिए रेबीज एक प्रमुख स्वास्थ्य समस्या के रूप में उभर रहा है.
क्या है रेबीज़?
रेबीज़ एक रोकथाम योग्य वायरल बीमारी है जो अक्सर पागल जानवर के काटने से फैलती है. आरएबीवी (RABV) वायरस संक्रमण बीमारी की जड़ है. यह वायरस स्तनधारियों के केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को संक्रमित करता है जिसके परिणामस्वरूप अंततः मस्तिष्क रोग और मृत्यु होती है. यह मनुष्यों और अन्य स्तनधारियों में एन्सेफलाइटिस (मस्तिष्क की सूजन) का कारण बनता है.
कैसे फैलता है रेबीज़?
रेबीज लाइसावायरस के कारण होता है, जिसमें रेबीज वायरस और ऑस्ट्रेलियाई बैट लाइसावायरस शामिल हैं. यह किसी संक्रमित जानवर की लार या मस्तिष्क/तंत्रिका तंत्र के ऊतकों के सीधे संपर्क से फैलता है, जैसे आंखों, नाक या मुंह में त्वचा या श्लेष्मा झिल्ली के टूटने से भी यह फैलता है.
हर साल के 28 सितंबर को विश्व रेबीज डे मनाया जाता है, ताकि इस बीमारी और इससे बचाव के प्रति लोगों को जागरूक किया जा सके. बता दें कि रेबीज़ भारत में सबसे घातक वायरल बीमारियों में से एक है, जो दुर्भाग्य से बढ़ता ही जा रहा है.
हर नौ मिनट में एक मौत
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने माना है कि रेबीज़ एक प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या है. वहीं संगठन ने सितंबर 2023 में जारी किए अपने रिपोर्ट में बताया है कि विश्व में रेबिज के कारण हर नौ मिनट में एक मौत दर्ज की जा रही है, जबकि एक साल में कुल 59000 हजार लोगों की मौत हो रही है.
हालांकि, डब्ल्यूएचओ ने इन आंकड़ों को विश्व स्तर पर दर्ज किया है लेकिन हम इस रिपोर्ट में भारत में दर्ज किए गए मामलें को ही केंद्र में रखने की कोशिश करेंगे. देश में हुई इन घटनाओं ने कुत्तों के लिए एक डर पैदा कर दिया है. हाल ही में स्वास्थ्य मंत्रालय ने जो रिपोर्ट जारी किया वह सभी को चौंका कर रख दिया. मंत्रालय की रिपोर्ट में यह बताया गया की देश के करीब सात राज्यों में कुत्तों के हमलें सर्वाधिक दर्ज किए गए हैं.
स्वास्थ्य मंत्रालय के आकंड़ों के अनुसार ये हैं वो सात राज्य जहां ज्यादा संख्या में कुत्तों के हमले दर्ज किए गए हैं.
राज्य | कुत्तों के काटने के मामले |
तमिलनाडु | 3.64 लाख से अधिक |
उत्तर प्रदेश | 1.91 लाख |
महाराष्ट्र | 3.91 लाख |
गुजरात | 1.69 लाख |
राजस्थान | 87 हजार |
आंध्र प्रदेश | 1.89 लाख |
कर्नाटक | 1.63 लाख |
भारत में रेबीज़ का नियंत्रण
रेबीज को नियंत्रित करना भारत के लिए एक कठिन काम साबित हो रहा है और समस्या धीरे-धीरे हर साल बढ़ती जा रही है. जैसा कि भारत के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरोसाइंसेज (NIMHANS) की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. रीता मणि ने कहा, "टीकाकरण और कुत्ते के जन्म नियंत्रण के माध्यम से कुत्तों में रेबीज का नियंत्रण जरूरी है, हालांकि देश में 25 मिलियन आवारा कुत्तों के साथ, यह एक कठिन कार्य है."