Trump की नीति "जैसे को तैसा" से बड़े संकट में आएगा भारत

डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने से भारतीय उद्योग जगत में चिंता बढ़ा दी है. उनके कुछ फैसले और नीतियां भारतीय कंपनियों के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकती हैं. खासकर आईटी, टेक्नोलॉजी, फार्मा और मैन्युफैक्चरिंग जैसे क्षेत्र उनकी नीतियों से प्रभावित हो सकते हैं. व्यापार समझौतों और वीजा नियमों में बदलाव भारतीय कंपनियों के लिए मुश्किलें पैदा कर सकते हैं. ऐसे में ट्रंप की नीतियों का संभावित असर भारतीय उद्योगों पर गहरा पड़ सकता है.

Lalit Sharma
Edited By: Lalit Sharma

Donald Trump on India: डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल कर ली है, और इस खबर से दुनिया भर में उत्साह का माहौल है. भारत में भी ट्रंप की जीत का जश्न मनाया जा रहा है. लेकिन ट्रंप की इस जीत से भारत के उद्योगों के लिए कुछ चुनौतियां भी सामने आ सकती हैं. कई रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्रंप के राष्ट्रपति बनने से भारत के उद्योगों पर बुरा असर पड़ सकता है. कुछ विशिष्ट औद्योगिक क्षेत्रों को इससे नुकसान हो सकता है.

भारत पर ट्रंप के सख्त रुख का संकेत

अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव के दौरान, ट्रंप ने भारत को लेकर कुछ टिप्पणियां की थीं, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत अमेरिका से सबसे ज्यादा टैरिफ वसूलता है. ट्रंप ने यह भी कहा था कि यदि वे राष्ट्रपति बने तो इस स्थिति का समाधान निकालेंगे और "जैसे को तैसा" नीति अपनाई जाएगी. ट्रंप का मानना है कि जैसे चीन और ब्राजील विदेशी वस्तुओं पर अधिक टैक्स लगाते हैं, भारत इनसे भी अधिक टैरिफ लगाता है. ऐसे में ट्रंप की इस नीति से भविष्य में भारत-अमेरिका के व्यापारिक रिश्तों पर प्रभाव पड़ सकता है.

किन क्षेत्रों को हो सकता है नुकसान?

विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप के कार्यकाल में भारत और अमेरिका के बीच एक व्यापारिक युद्ध की स्थिति उत्पन्न हो सकती है. भारत पर अतिरिक्त टैरिफ लगाए जाने से भारतीय उद्योगों को बड़ा नुकसान हो सकता है. भारत अमेरिका से पेट्रोलियम, कोयला, सोना, कच्चा तेल और प्राकृतिक गैस जैसी चीजें आयात करता है. वहीं, भारत अमेरिका को हीरा, दवाएं, ऑटोमोटिव पार्ट्स, केमिकल प्रोडक्ट्स, और कपड़ा निर्यात करता है.

"जैसे को तैसा" नीति 

ट्रंप की "जैसे को तैसा" नीति लागू हुई, तो भारतीय वाहन, कपड़ा, दवा उद्योग, सब्जी उद्योग और मैकेनिकल उद्योग पर बुरा असर पड़ सकता है. इसका अर्थ यह है कि इन क्षेत्रों में उत्पादन लागत और निर्यात में भारी नुकसान हो सकता है, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था पर असर पड़ सकता है.

भारत का उच्च टैरिफ: प्रमुख वस्तुएं

भारत अपने घरेलू उद्योगों की सुरक्षा के लिए अमेरिका से आयातित वस्तुओं पर ऊंचा टैरिफ लगाता है. ऑटोमोबाइल पर 60 से 100 प्रतिशत, दूध और डेयरी उत्पादों पर 30 से 40 प्रतिशत, बादाम और सूखे मेवों पर 35 प्रतिशत तक का टैरिफ लगता है. इसी तरह, केमिकल और औषधि उत्पादों पर भी भारत उच्च टैरिफ लगाता है। कपड़ा, टेक्सटाइल, और फलों पर भी टैरिफ अधिक है. अमेरिका ने कई बार इन वस्तुओं पर टैरिफ कम करने की मांग की है, जिससे दोनों देशों के व्यापारिक संबंधों में तनाव देखा गया है.

व्यापारिक संबंधों पर संभावित प्रभाव

भारत-अमेरिका के व्यापारिक रिश्ते कई बार टैरिफ को लेकर तनाव में आ चुके हैं, और ट्रंप के राष्ट्रपति बनने से यह स्थिति फिर से उभर सकती है. यदि ट्रंप की व्यापारिक नीतियों में भारत पर सख्त टैरिफ लागू किया गया, तो भारतीय उत्पादों की प्रतिस्पर्धात्मकता पर प्रभाव पड़ सकता है. दोनों देशों के बीच व्यापारिक वार्ताओं में इस मुद्दे पर चर्चा होने की संभावना है.

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07 November 2024, 12:08 PM IST

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