गुवाहाटी में 4 साल के बच्चे के दिल पर डबल स्विच ऑपरेशन, पूर्वोत्तर भारत में पहली सर्जरी
बच्चे की सर्जरी लगभग छह घंटे तक चली. सर्जरी के बाद उनकी हालत में काफी सुधार हुआ है. उन्हें कड़ी निगरानी में रखा गया है. इस सफल सर्जरी से इस क्षेत्र में जटिल हृदय रोगों से पीड़ित बच्चों के लिए नई उम्मीद जगी है, क्योंकि पहले ऐसी सर्जरी अन्यत्र करनी पड़ती थी.

गुवाहाटी में एक चार वर्षीय लड़के के हृदय का 'डबल स्विच ऑपरेशन' नामक एक विशेष सर्जरी की गई. डॉक्टरों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. डॉक्टरों के अनुसार, यह सर्जरी पूर्वोत्तर भारत में अपनी तरह की पहली सर्जरी है, जो एक दुर्लभ हृदय दोष को ठीक करने के लिए की गई है. यह सर्जरी पिछले सप्ताह हेल्थसिटी अस्पताल में छह घंटे तक की गई थी. सर्जरी प्रसिद्ध सर्जन डॉ. हृदय शल्य चिकित्सक डॉ. के.एस. अय्यर के नेतृत्व में नईम राजा द्वारा सफलतापूर्वक किया गया. इस सर्जरी में अस्पताल के बाल हृदय रोग विशेषज्ञों, एनेस्थिसियोलॉजिस्ट, बाल हृदय इंटेंसिविस्ट, परफ्यूज़निस्ट, नर्सों और तकनीशियनों की टीम ने सहायता की.
जन्म से ही यह समस्या
पीटीआई के अनुसार, डॉ. राजा ने सर्जरी का विवरण साझा किया. उन्होंने बताया कि बच्चे को जन्मजात समस्या थी, जिसमें हृदय की प्रमुख धमनियां और कक्ष असामान्य स्थिति में थे. बच्चे के होठ और जीभ नीले पड़ गये थे और वह जल्दी थक जाता था. डॉ. राजा ने बताया कि बच्चे में धमनियों में संकुचन पाया गया, जिसमें वेंट्रीकुलर सेप्टल दोष और एट्रेटिक पल्मोनरी धमनियां भी शामिल थीं.
वाल्व ट्यूब का उपयोग किया गया
डॉ. राजा ने बताया कि 'डबल स्विच ऑपरेशन' में कृत्रिम ट्यूब का उपयोग करके फुफ्फुसीय धमनी का पुनर्निर्माण करना और आलिंद स्विच और वीएसडी को बंद करना शामिल है. यह सर्जरी हृदय में रक्त प्रवाह को सामान्य करने का एकमात्र तरीका था. सर्जरी के बाद बच्चे की हालत में काफी सुधार हुआ है. डॉ. राजा ने कहा कि हृदय शल्य चिकित्सा में 'डबल स्विच ऑपरेशन' सबसे जटिल है. बच्चे की सर्जरी लगभग छह घंटे तक चली. सर्जरी के बाद बच्चे की हालत में काफी सुधार हुआ है. उन्होंने बताया कि बच्चे को कड़ी निगरानी में रखा गया है. इस सफल सर्जरी से इस क्षेत्र में जटिल हृदय रोगों से पीड़ित बच्चों के लिए नई उम्मीद जगी है, क्योंकि पहले उन्हें ऐसी सर्जरी के लिए अन्य स्थानों पर जाना पड़ता था.