Chandrayaan 3: चंद्रमा के साउथ पोल में सूर्योदय होने वाला है. इसी के साथ इसरो चंद्रयान 3 के विक्रम लैंडर और पज्ञान रोवप को फिर से सक्रिय करने का प्रयाश करने लग गया है. इसको ने ताजा जानकारी के अनुसार बताते हुए कहा कि, लैंडर और प्रज्ञान को जगाने में अभी तक सफलता नहीं मिली है हालांकि प्रयाश जारी हैं, यह प्रयाश आगे भी जारी रहेगा.
केंद्रीय राज्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, "पिछले कई घंटों से, टीम ISRO चंद्रमा पर सूर्योदय के बाद उनकी जागने की स्थिति का पता लगाने के लिए विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर के साथ संपर्क स्थापित करने का सर्वोत्तम प्रयास कर रही है. फिलहाल अभी तक उनकी ओर से कोई संकेत नहीं मिला है. यह कर सकता है.
दूसरे ट्वीट में उन्होंने कहा कि, संभवतः 14 पृथ्वी दिनों की हाल ही में समाप्त हुई चंद्र रात्रि के दौरान -150 डिग्री सेल्सियस तक लंबे समय तक ठंडे मौसम की स्थिति के कारण हो सकता है. हालाँकि, संपर्क स्थापित करने के प्रयास जारी रहेंगे.
बताते चलें कि चांद के दक्षिणी हिस्से पर सुबह होने के साथ ही वैज्ञानिक इन दोनों उपकरणों को एक्टिव करने में लगे हुए हैं. विक्रम लैंडर और रोवर प्रज्ञान 2 और 4 सितंबर को स्लीप मोड में डाले गए थे.
चंद्रमा के दक्षिणी हिस्से पर धरती के 14 दिन के बराबर का एक दिन और रात होता है. वहां पर रात के समय तापमान माइनस में चला जाता है जिसकी वजह से रोवर और लैंडर को स्लीप मोड में डालना पड़ा था. अगर ये फिर से एक्टिव हो जाते हैं तो दो इसरो को साथ-साथ भारत के लिए बड़ी उपलब्धि होगी. First Updated : Friday, 22 September 2023