India-China Crisis: ड्रैगन को एस. जयशंकर की दो टूक, बोले 'ये कोई नया मुद्दा नहीं'
India-China Crisis: भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी चीनी दावों को खारिज कर दिया और कहा कि अरुणाचल प्रदेश के लोगों को भारत के विकास कार्यक्रमों और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं से लाभ मिलता रहेगा.
India-China Crisis: अरुणाचल प्रदेश पर लगातार चीन लगातार दावे कर रहा है. चीन के इन्हीं दावों की निंदा करते हुए विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने साफ कर दिया है कि अरुणाचल प्रदेश भारत का हिस्सा है, क्योंकि यह हमेशा देश का एक खास अंग रहा है. जयशंकर ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश को उत्तर-पूर्वी राज्य भारत का हिस्सा बताया साथ ही बीजिंग के दावों को हास्यास्पद भी कहा.
सिंगापुर पहुंचे विदेश मंत्री
भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर इन दिनों विदेश यात्रा पर हैं, वो तीन देशों की अपनी यात्रा के तहत सिंगापुर पहुंचे हैं. जहां पर जयशंकर ने शनिवार (23 मार्च) को नेशनल यूनिवर्सिटी के इंस्टिट्यूट ऑफ साउथ एशियन स्टडीज में हुए एक प्रोग्राम को संबोधित किया. यहीं पर उन्होंने चीन के सभी दावों को गलत करार दिया. सिंगापुर में विदेश मंत्री ने अपनी किताब 'व्हाई भारत मैटर्स'को लेकर भी चर्चा की.
चीन के सवाल पर क्या बोले जयशंकर
नेशनल यूनिवर्सिटी के इंस्टिट्यूट ऑफ साउथ एशियन स्टडीज में आयोजित हुए प्रोग्राम में जयशंकर से जब चीन को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ''चीन का कई नया मुद्दा नहीं है, इससे पहले बी पड़ोसीदेश इस तरह के दावे कर चुका है. उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का हिस्सा है, क्योंकि यह हमेशा देश का एक खास अंग रहा है. जयशंकर ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश को उत्तर-पूर्वी राज्य भारत का हिस्सा बताया साथ ही बीजिंग के दावों को खारिज कर दिया है.
विवाद सुलझाने पर बात नहीं
इस प्रोग्राम में जयशंकर ने चीन की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि हम इस विवाद को सुलझाने को लेकर बात नहीं कर रहे हैं. बल्कि हम बात कर रहे हैं सीमा पर शांति बनाने पर बात कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि '' 1975 से 2020 तक, सीमा पर किसी की मौत नहीं हुई है, इसलिए 45 सालों तक यह काम करता रहा. उन्होंने कहा कि ''हमें आज खुद से पूछना होगा कि यह अब काम क्यों नहीं कर रहा है.''