'संविधान, हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों की आधारशिला', संविधान दिवस के मौके पर बोली द्रौपदी मुर्मू
Constitution Day: आज संविधान दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के सेंट्रल हॉल में आयोजित संयुक्त सत्र को संबोधित किया. इस मौके पर उन्होंने संविधान को हमारे लोकतंत्र की आधारशिला बताते हुए संविधान सभा के सदस्यों को श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने कहा, "संविधान हमारा मार्गदर्शक है और यह एक जीवंत और प्रगतिशील दस्तावेज है, जो हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखता है."
Constitution Day: आज भारत में संविधान लागू होने के 75 साल पूरे हो गए हैं. इस विशेष अवसर पर राष्ट्रपति मुर्मू ने संविधान दिवस की महत्वता पर जोर देते हुए कहा कि यह दिन संविधान के आदर्शों को समझने और उनके प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराने का है. राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने संबोधन में कहा, 26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए कायराना आतंकी हमलों की वर्षगांठ पर, मैं पूरे देश के साथ उन बहादुरों को श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं जिन्होंने अपनी जान गंवाई.
इसके साथ ही उन्होंने आगे कहा कि उनके परिवारों के साथ एकजुटता व्यक्त करती हूं.एक कृतज्ञ राष्ट्र अपने बहादुर सुरक्षाकर्मियों को सलाम करता है जिन्होंने हमारे लोगों की रक्षा करते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया. यह दिन यह दोहराने का भी दिन है कि भारत आतंकवाद के सभी रूपों को हराने के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध है.
विशेष सिक्का और डाक टिकट जारी
संविधान दिवस के उपलक्ष्य में राष्ट्रपति ने एक विशेष स्मारक सिक्का और डाक टिकट भी जारी किया. इसके अलावा, संस्कृत भाषा में संविधान की प्रति का विमोचन भी किया गया. राष्ट्रपति ने इसे भारतीय संस्कृति और परंपराओं का प्रतीक बताया. राष्ट्रपति ने संविधान निर्माण में योगदान देने वाले संविधान सभा के सदस्यों की भूमिका की सराहना करते हुए उन्हें कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से श्रद्धांजलि दी. उन्होंने कहा कि हमारे संविधान निर्माताओं ने अद्भुत दूरदर्शिता और गहरी समझ के साथ एक ऐसा संविधान तैयार किया, जो देश को एकता, समृद्धि और विकास की दिशा में आगे बढ़ाता है.
संविधान दिवस का महत्व
बता दें कि संविधान दिवस हर साल 26 नवंबर को मनाया जाता है, लेकिन इस बार 75वें वर्ष के कारण यह विशेष था. यह दिन न केवल संविधान को अपनाने की याद दिलाता है, बल्कि हमें इसके आदर्शों का पालन करने और देश की एकता और अखंडता बनाए रखने की प्रेरणा भी देता है. राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि हर भारतीय का कर्तव्य है कि वह संविधान के मूल्यों को अपनाए और देश की प्रगति में योगदान दे.