LOC पर 42 लॉन्च पैड्स एक्टिव, 125 आतंकी भारत में दाखिल, खुफिया रिपोर्ट का बड़ा खुलासा
भारत की खुफिया एजेंसियों ने पाकिस्तान की नई आतंकी रणनीति को लेकर बड़ा खुलासा किया है. रिपोर्ट के मुताबिक, LOC (लाइन ऑफ कंट्रोल) के पार 42 लॉन्च पैड्स इस समय एक्टिव हैं, जिनमें से 32 जम्मू के सामने और 10 कश्मीर के सामने मौजूद हैं.

पिछले कुछ वर्षों में जहां कश्मीर घाटी में हालात सामान्य होते दिखे, वहीं अब पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद एक बार फिर से सिर उठाता नजर आ रहा है. पहलगाम में हालिया आतंकी हमले को सिर्फ एक घटना मानना भूल होगी, क्योंकि यह हमला पाकिस्तान की नई 'सदर्न स्ट्रैटेजी' का हिस्सा है. खुफिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि पाकिस्तान की ओर से जम्मू सेक्टर के सामने 32 लॉन्च पैड्स में करीब 100 आतंकवादी घुसपैठ के लिए तैयार बैठे हैं, वहीं कश्मीर के सामने 10 लॉन्च पैड्स में 35 आतंकियों की मौजूदगी है.
इस रणनीति का उद्देश्य स्पष्ट है. दक्षिणी जम्मू क्षेत्र से होकर आतंकियों को भारत में प्रवेश कराना, जहां भौगोलिक स्थिति उनके छिपने के लिए अधिक अनुकूल नहीं है, परन्तु यह क्षेत्र सुरक्षा बलों की निगरानी के लिहाज से चुनौतीपूर्ण बनता है.
जम्मू से कश्मीर तक घुसपैठ का नया रास्ता
पिछले छह महीनों में जम्मू क्षेत्र से 50 घुसपैठ की कोशिशें दर्ज की गई हैं. खुफिया एजेंसियों के अनुसार, कई आतंकी दक्षिणी जम्मू से घुसपैठ कर अब घाटी की ओर बढ़ चुके हैं. अनुमान है कि इस समय भारत में कुल 125 आतंकवादी मौजूद हैं, जिनमें से 115 पाकिस्तान से घुसपैठ कर आए हैं और सिर्फ 10 ही स्थानीय हैं.
ड्रोन से हो रही आतंकियों की मदद
आतंकियों को केवल सीमा पार से समर्थन नहीं मिल रहा, बल्कि उन्हें आधुनिक तकनीक की मदद से भी सशस्त्र किया जा रहा है. 2023 में 125 ड्रोन सीमा पार से भेजे गए, जबकि 2024 में यह संख्या 300 तक पहुंच चुकी है. इन ड्रोन्स के जरिए हथियार, विस्फोटक और संचार उपकरण पहुंचाए जा रहे हैं.
अमन-चैन की उम्मीद पर लगा ब्रेक
2022 में जहां 107 आतंकी घटनाएं हुई थीं, वहीं 2023 और 2024 में यह आंकड़ा घटकर क्रमशः 27 और 26 पर आ गया था. इस साल 31 मार्च तक सिर्फ 3 घटनाएं दर्ज की गई थीं. लेकिन पहलगाम हमले ने दिखा दिया कि यह शांति सिर्फ तूफान से पहले की खामोशी थी.
टूरिज्म और विकास
जम्मू-कश्मीर में हालिया सालों में पर्यटकों की बाढ़ आई थी. पिछले साल 2.35 करोड़ से अधिक पर्यटक जम्मू-कश्मीर पहुंचे, जबकि अमरनाथ यात्रा में 5 लाख श्रद्धालु शामिल हुए. श्रीनगर के लाल चौक में रोजाना 11,000 पर्यटक पहुंचते थे. यही आर्थिक और सामाजिक विकास आतंकियों और ISI को खटक रहा है.
ISI और पाक आर्मी की भूमिका संदिग्ध
भारतीय खुफिया एजेंसियों का कहना है कि पाकिस्तान की ISI और वहां की सेना ने मिलकर इस ‘सदर्न स्ट्रैटेजी’ को तैयार किया है. उनका मकसद कश्मीर में आतंक को दोबारा जिंदा करना और भारत की आंतरिक सुरक्षा को चुनौती देना है. पहलगाम हमला इसी रणनीति की शुरुआत मानी जा रही है.


