दिल्ली बन रहा है ड्रग्स का हब: क्या है कोड वर्ड्स और कटे-फटे नोटों की कहानी?
Drug Network: दिल्ली में नशे का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है, जहां पुलिस ने हाल ही में 7600 करोड़ रुपये की ड्रग्स पकड़ी. ये सिंडिकेट कोड वर्ड्स और कटे-फटे नोटों का इस्तेमाल करते थे, जबकि मुख्य आरोपी दुबई में बैठा है. जानिए, इस जटिल ड्रग्स नेटवर्क के पीछे की कहानी और कैसे पुलिस ने इसे बेनकाब किया!
Drug Network In Delhi: दिल्ली, जो कभी दिलवालों की पहचान थी अब नशे के कारोबारियों का अड्डा बनती जा रही है. हाल ही में दिल्ली पुलिस ने ड्रग्स के बड़े सिंडिकेट का पर्दाफाश किया है, जिसमें करोड़ों रुपये की नशीली दवाएं पकड़ी गई हैं. पिछले 10 दिनों में ही सात हजार करोड़ रुपये की ड्रग्स जब्त की गई है और यह साफ है कि नशे के तस्कर दिल्ली को एक बड़ा ड्रग्स हब बनाना चाहते हैं.
ड्रग्स कार्टेल के सदस्य एक-दूसरे से संपर्क करने के लिए कोड वर्ड्स का इस्तेमाल करते थे. सोशल मीडिया और 'Threema' ऐप के माध्यम से वे अपनी डील्स को अंजाम देते थे. खास बात यह थी कि ये लोग एक-दूसरे से अनजान थे, ताकि किसी भी प्रकार की गिरफ्तारी से बचा जा सके. इस सिंडिकेट में कटे-फटे नोटों का इस्तेमाल किया जाता था ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि डिलीवरी सुरक्षित हाथों में हो रही है.
पुलिस की बड़ी कार्रवाई
दिल्ली के महिपालपुर में 2 अक्टूबर को एक गोदाम में छापेमारी की गई, जहां से 562 किलो कोकीन और 40 किलो थाईलैंड का मेरवाना ड्रग्स बरामद हुआ. इसके बाद 10 अक्टूबर को एक और छापेमारी में 200 किलो कोकीन जब्त की गई. इनकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत हजारों करोड़ रुपये में है. यह सब मिलाकर 10 दिनों में 7600 करोड़ रुपये की ड्रग्स जब्त की गई.
ड्रग्स की डिलीवरी का रहस्य
दिल्ली पुलिस के मुताबिक, ड्रग्स की डिलीवरी के लिए यह लोग पुराने फिल्मों की तरह कटे-फटे नोटों का इस्तेमाल करते थे. गोदाम में आने पर कोकीन को फिर से पैक किया जाता था. इस पूरी प्रक्रिया को दुबई में बैठे आका वीरेंद्र बसोया संचालित कर रहा था, जो पहले भी ड्रग्स के मामले में गिरफ्तार हो चुका था.
#WATCH | Visuals from Ramesh Nagar in Delhi. Delhi Police Special Cell has recovered a consignment of cocaine from a closed shop here. About 200 kg of drugs have been recovered, whose value in the international market is more than Rs 2,000 crore pic.twitter.com/rPm3NLTPmg
— ANI (@ANI) October 10, 2024
मास्टरमाइंड और उसके साथी
तुषार गोयल, जो इस ड्रग्स सिंडिकेट का मास्टरमाइंड है, वीरेंद्र बसोया का करीबी दोस्त है. दोनों ने मिलकर ड्रग्स की डीलिंग की योजना बनाई थी. तुषार ने दो बार में दिल्ली-NCR से ड्रग्स की डिलीवरी ली थी और महिपालपुर के गोदाम में कोकीन छिपाई थी. पुलिस ने अब तक सात लोगों को गिरफ्तार किया है लेकिन मास्टरमाइंड वीरेंद्र और सविंदर सिंह की तलाश जारी है.
नशे के कारोबार की सच्चाई
यह मामला हमें दिखाता है कि नशे का कारोबार कितना बड़ा और जटिल हो चुका है. दिल्ली पुलिस ने न केवल ड्रग्स के तस्करों को पकड़ा है बल्कि यह भी सुनिश्चित किया है कि इस प्रकार के संगठनों का नेटवर्क खत्म किया जा सके. अब समय है कि हम इस गंभीर मुद्दे पर ध्यान दें और समाज में नशे के खिलाफ जागरूकता फैलाएं.