सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस केवी विश्वनाथन ने विमान में नशे में धुत दो सह यात्रियों द्वारा परेशान किए जाने वाले कड़वे अनुभव का याद किया. जस्टिस केवी विश्वनाथन अभद्र व्यवहार करने वाले यात्रियों से निपटने के उपाय जारी करने के अनुरोध वाली याचिका पर सुनवाई कर रहे थे. इस पीठ में जस्टिस विश्वनाथन के साथ-साथ जस्टिस बीआर गवई भी शामिल थे.
दरअसल, जस्टिस विश्वनाथन तमिलनाडु के कोयबंटूर में अपने भाई के बेटे की शादी में शामिल होने के लिए गए थे.शादी के बाद जब उन्होंने दिल्ली लौटने के लिए कोयंबटूर से फ्लाइट पकड़ी तो उसमें दो यात्री नशे में धुत थे. जस्टिस विश्वनाथन के साथ जस्टिस सूर्यकांत भी यात्रा कर रहे थे. अगले दिन दोनों जजों के सामने सुनवाई के लिए कई मामले सूचीबद्ध थे.
जस्टिस विश्वनाथन ने आगे बताया कि नशे में धुत यात्रियों में से एक शौचालय गया और वहां सो गया. जबकि दूसरा उल्टी करने के लिए एक थैली थी. उन्होंने कहा कि चालक दल के सात सभी महिलाएं थीं. 30-35 मिनट तक कोई दरवाजा नहीं खोल सका. इसके बाद विमान की क्रू मेंबर ने मेरे को पैसेंजर से दरवाजा खोलने और उसे बाहर सीट पर ले जाने का अनुरोध किया.यह उड़ान 2.30 घंटे की थी.
जस्टिस विश्वनाथन ने सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी से यह भी कहा कि अधिकारियों को अभद्र व्यवहार करने वाले हवाई यात्रियों से निपटने के लिए एक 'रचनात्मक' समाधान ढूंढना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि यात्रियों को बैठाने के लिए एक रणनीतिक योजना बनाने की आवश्यकता है.
सुप्रीम कोर्ट 73वर्षीय एक महिला की याचिका पर सुनवाई कर रही थी. जिस पर नवंबर 2022 में एअर इंडिया की उड़ान में नशे में धुत एक यात्री कथित तौर पर पेशाब की थी. शंकर मिश्रा पर न्यूयॉर्क से दिल्ली आ रही एअर इंडिया की फ्लाइट में महिला यात्री पर पेशाब करने का आरोप लगाया था. यह घटना 26 नवंबर 2022 को विमान के बिजनेस क्लास में हुई थी. First Updated : Wednesday, 27 November 2024