Earth Day 2024: जब पृथ्वी पर मचा था भयानक कोहराम, एक झटके में खत्म हो गई थी लाखों प्रजातियां, पढ़ें पूरा किस्सा
Earth Day 2024: आज यानी 22 अप्रैल को दुनिया भर में अर्थ डे ( पृथ्वी दिवस) मनाया जा रहा है. इस बीच आज हम आपको पृथ्वी पर हुए उस तबाही के बारे में बता रहे हैं जिसमें लाखों प्रजातियां एक झटके में खत्म हो गई थी. तो चलिए जानते हैं.
Earth Day 2024: बीते 50 सालों में इंसानों ने पृथ्वी से लगभग 60 प्रतिशत स्तनधारियों, पक्षियों, मछलियों और रेप्टाइल्स का सफाया कर दिया है. पृथ्वी पर पहली बार ऐसा हो रहा है कि मनुष्य की वजह से छठी मास एक्सटिंक्शन यानी सामूहिक विलुप्ति होने जा रही है. हालांकि इससे पहले पृथ्वी पर 5 बार प्राकृतिक कोहराम मचा थी जिसमें कई लाख प्रजातियां एक झटके में खत्म हो गई थी. तो चलिए अर्थ डे के मौके पर आज हम इन तबाही के बारे में जानते हैं.
वैज्ञानिकों के अनुसार लगभग 5 बार पृथ्वी पर मास एक्सटिंक्शन हुआ है. यानी लगभग 5 बार पृथ्वी ने महाविनाश का सामना किया है जिससे एक झटके में लाखों प्रजातियां का नामोनिशान मिटा दिया. वैज्ञानिकों के अनुसार जब जब मास एक्सटिंक्शन हुआ तब तब लगभग 80 प्रतिशत प्रजातियां एक साथ विलुप्त हो गई.
पहला महाविनाश मास एक्सटिंक्शन अंत ऑर्डोवशियन
पृथ्वी पर पहला महाविनाश मास एक्सटिंक्शन आज से करीब 444 मिलियन वर्ष पहले हुआ था. यह मास एक्सटिंक्शन दो चरणों में हुआ था सबसे पहले नॉर्थ अमेरिका से लगे हुए समुद्र का पानी विशाल हिमपर्वत में जमने लगा जिससे धीरे-धीरे महासागरों का जल स्तर घटने लगा. पानी कम होने की वजह से कई विशाल पत्थर और चट्टान वायुमंडल के संपर्क में आने लगा और पृथ्वी का तापमान तेजी से घटने लगा. इससे धरती पर एक तरह का आइसबर्ग आ गया और समुद्र के ऊपरी भाग में रहने वाले जीवों को पूरी तरह से खत्म कर दिया. वहीं दूसरे चरण में जब यह Ice Age जब खत्म हुआ तब धीरे धीरे समुद्रो का जलस्तर बढ़ने लगा और समुद्र में Oxygen Level काफी घट गया. इससे समुद्र में रहने वाले कई और जीवों की प्रजातियों को पूरी तरह से खत्म कर दिया.
स्वर्गीय डेवोनियन मास एक्सटिंक्शन
पृथ्वी पर दूसरा विनाशक मास एक्सटिंक्शन आज से करीब 360 मिलियन वर्ष पहले हुआ था. इसे मास एक्सटिंक्शन को स्वर्गीय डेवोनियन के नाम से जाना जाता है. यह मास एक्सटिंक्शन भी दो चरणों में हुआ था. पहले चरण में जब विशाल पौधे और पेड़ हमारी पृथ्वी पर पहली बार मौजूद हुए, तो वे अपनी जड़ें बहुत गहराई में मिला दी. इससे भूमि का धरातल बहुत बड़े हिसाब से जड़ से निवृत्त हो गया. जिसके कारण समुद्रों में आवश्यक खनिजों का प्रवाह पूरी तरह से बंद हो गया. इस कारण, समुद्र में रहने वाली शावालें मरने लगीं क्योंकि वे मुख्य रूप से भूमि से आने वाले खनिजों पर निर्भर थी.
वहीं दूसरे चरण में कुछ विशाल ज्वालामुखी फटने और विशाल उल्कापिंडों ने हमारी पृथ्वी पर बारिश की, जो इस महान प्रमाण विनाश के लिए आवश्यक चरणों को भी पूरा किया. दो चरणों में हुए इस महान प्रमाण विनाश ने उस समय हमारी पृथ्वी पर मौजूद जीव-जंतु और पौधों की लगभग 80 प्रतिशत प्रजातियों की विलुप्ति का कारण बना.
एंड पर्मियन मास एक्सटिंक्शन
पृथ्वी पर हुए महाविनाश मास एक्सटिंक्शन में से एक एंड पर्मियन मास एक्सटिंक्शन भी है जिसने धरती से लाखों प्रजातियों को एक झटके में विलुप्त कर दिया. इस एक्सटिंक्शन को पृथ्वी के इतिहास का सबसे खतरनाक मास एक्सटिंक्शन माना जाता है जिससे धरती पर लगभग-लगभग जीवन का अंत हो गया था. सबसे पहले, साइबेरियन ट्रैप्स में भयानक ज्वालामुखी फूटा, जिसने बहुत बड़ी मात्रा में लावा और खतरनाक कार्बन डाइऑक्साइड को मुक्त किया. लावा ने अपने रास्ते में विशाल कोयले के खानों के भंडारों को भी जला दिया, जिसके कारण बड़े पैमाने पर कार्बन डाइऑक्साइड, मीथेन और अन्य हरित घर के वायु गैस उत्सर्जित हो गए और वायुमंडल में पहुंच गए. इसके बाद ग्रीन हाउस गैस ने पुरे धरती के वायुमंडल को ढक लिया जिसकी वजह से धीरे धीरे धरती और समुद्रो का तापमान बढ़ने लगा. वायुमंडल में मौजूद खतरनाक गैसों की वजह से धरती पर अम्ल वर्षा होने लगी जिससे समुद्र Acidify होना शुरू हो गया. इस घटना के बाद समुद्र में रहने वाले बहुत सारे जीवो का अंत हो गया. साथ ही इसने जमीन पर मौजूद लगभग सभी पेड़ पौधों की प्रजातियां भी खत्म हो गई.
एंड ट्रायेसिक मास एक्सटिंक्शन
जब पृथ्वी पर जीवन कुछ हद तक फिर से फलित होने लगा था तब एक बार फिर एक और बड़ा महान प्रमाण विनाश पृथ्वी पर आया. इस खतरनाक ज्वालामुखी विस्फोट के कारण बड़ी मात्रा में लावा और अन्य हरित घर के वायु गैस निकल गए जो हमारी पृथ्वी पर भयानक जलवायु परिवर्तन का कारण बन गए. हरित घर के वायु गैस और अम्लीय वर्षा के कारण, समुद्रों का अम्लीकरण होने लगा और उनके पीएच स्तर में भयानक परिवर्तन हुआ. जिसके कारण समुद्रों में मौजूद कई प्रजातियाँ मरने लगीं, इसके साथ ही भूमि में मौजूद कई प्रजातियां विलुप्त हो गई. इस भयानक आपदा के कारण उस समय पृथ्वी पर शासन करने वाली जानवरों और पौधों की लगभग 80 प्रतिशत प्रजातियाँ पूरी तरह से विलुप्त हो गईं.
एंड क्रेटेशियस मास एक्सटिंक्शन
एंड क्रेटेशियस मास एक्सटिंक्शन दो कारणों से हुआ था जिससे विशालकाय जीव डायनासोर का भी अंत हुआ था. लगभग 66 मिलियन वर्ष पहले, हमारी पृथ्वी के साथ एक विशालकाय चंद्रवश लगभग 15 किलोमीटर लंबा अचानक टकरा गया. इस चंद्रवंश के पृथ्वी से टकराने के तत्काल बाद, आग का गोला सैकड़ों किलोमीटर दूर फैल गया. जो भी इस गोले के रास्ते में आया वो राख में बदल गया.इस संघर्ष के कारण, समुद्र में कई मीटर ऊँची खतरनाक लहरें उत्पन्न हुईं, जिससे दुनिया के आधे हिस्से में तबाही हो गई.