प्रधानमंत्री मोदी पर '₹21' वाली टिप्पणी को लेकर फंसी प्रियंका गांधी, अब चुनाव आयोग ने थमाया नोटिस
Priyanka Gandhi: दौसा में अपने भाषण के दौरान कथित चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन करने को लेकर चुनाव आयोग ने गुरुवार को कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा को कारण बताओ नोटिस दिया है.
Election Commission Notice: चुनाव आयोग ने गुरुवार को राजस्थान के दौसा में अपने भाषण के दौरान कथित चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा को कारण बताओ नोटिस दिया. आयोग ने प्रियंका गांधी से 30 अक्टूबर शाम 5 बजे तक नोटिस का जवाब देने को कहा है.
भाजपा ने अपने निवेदन में कहा कि प्रियंका गांधी ने 20 अक्टूबर को दौसा में एक सार्वजनिक बैठक में कहा कि उन्होंने टीवी पर देखा कि जब एक मंदिर में मोदी द्वारा दिए गए दान का एक लिफाफा खोला गया, तो उसमें केवल ₹21 थे.
प्रियंका गांधी ने क्या कहा था?
बता दें कि राजस्थान के दौसा में प्रियंका गांधी ने कहा, ''मैंने हाल ही में टीवी पर कुछ देखा. मुझे नहीं पता कि यह सच है या नहीं. पीएम मोदी देवनारायण मंदिर गए और दान पेटी में एक लिफाफा डाला. लोग सोच रहे थे कि इसमें क्या है, लेकिन जब इसे खोला गया तो इसमें से 21 रुपये निकले.'
भाजपा ने बुधवार को भारत के चुनाव आयोग को एक ज्ञापन दिया और प्रियंका गांधी पर अपने चुनाव अभियान के दौरान झूठे दावे करने के लिए "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की व्यक्तिगत धार्मिक भक्ति का सहारा लेने" का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की.
कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल ने क्या कहा?
केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल ने कहा कि "आज हमने कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी के 20 अक्टूबर के एक बयान के संबंध में चुनाव आयोग के सदस्यों से मुलाकात की, जिसने आदर्श आचार संहिता और आरपी अधिनियम का उल्लंघन किया है. हम चुनाव आयोग से पूछना चाहते हैं कि क्या प्रियंका गांधी आदर्श आचार संहिता से ऊपर हैं. हम ईसीआई से उनके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की.
'निजी जीवन के सभी पहलुओं की आलोचना से बचना चाहिए'
प्रियंका गांधी को नोटिस जारी करते हुए, चुनाव पैनल ने उन्हें चुनाव संहिता में एक प्रावधान की याद दिलाई, जिसमें कहा गया है कि “पार्टियों और उम्मीदवारों को निजी जीवन के सभी पहलुओं की आलोचना से बचना चाहिए, जो कि अन्य कार्यकर्ताओं के नेताओं की सार्वजनिक गतिविधियों से जुड़े नहीं हैं.