ECI On Disabilities : 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने राजनीतिक दलों और उनके नेताओं के लिए निर्शानिर्देश जारी किए हैं, जिनकी अनदेखी करने पर उन पर एक्शन लिया जा सकता है. ईसीआई ने सार्वजनिक भाषणों में दिव्यांगों के लिए उपयोग होने वाले शब्दों को लेकर गाइडलाइन जारी की है. आयोग ने सख्त रूख अपनाते हुए सभी दलों को उनके लिए अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल नहीं करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही राजनीतिक दलों को अपनी वेबसाइट, सोशल मीडिया, भाषण आदि को दिव्यांगों के लिए पहुंच बनाने के लिए बेहतर करने को कहा है.
भारत निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक दलों से कहा कि वो सार्वजनिक भाषण, कैंपेन और अन्य दूसरी गतिविधियों को दिव्यांगजनों के लिए सुलभ बनाएं. आयोग ने कहा कि पार्टियों को अपने कार्यकर्ताओं को दिव्यांगता पर एक ट्रेनिंग मॉड्यूल प्रदान करना चाहिए. साथ ही दिव्यांगों की पार्टी कार्यकर्ताओं और सदस्यों के रूप में अधिक भागीदारी सुनिश्चित की जानी चाहिए. दिव्यांगजन अधिकार, 2016 के मुताबिक दिव्यांगता को संदर्भित करने के लिए उपयुक्त शब्दों में अंधापनस कम दृष्टि, बहरापन, लोकोमोटर दिव्यांगता, बौद्धधिक दिव्यांगता आदि शामिल हैं.
जानकारी के अनुसार आयोग ने यह कदम दिव्यांग व्यक्तियों के प्रति समावेशिता और सम्मान को बढ़ावा देने के लिए उठाया है. सभी दलों और उनके प्रतिनिधियों को निर्देश दिया गया है कि वे दिव्यांगता या दिव्यांग व्यक्तियों से संबंधित शब्दों का उपयोग मानवीय अक्षमता के संदर्भ में या ऐसे तरीके से न करें, जो अपमानजनक या रूढ़िवादिता को कायम रखने वाला है. जैसे गूंगा, पागल, सिरफिरा, अंधा, काना, बहरा, लंगड़ा, लूला आदि. अगर गाइडलाइन का उल्लंघन किया जाता है तो दिव्यांगजन अधिकार, 2016 धारा 92 के तहत 5 साल तक की कैद हो सकती है. First Updated : Friday, 22 December 2023