Economic Survey And Union Budget: संसद का बजट सत्र शुरू हो गया है. ये अब 12 अगस्त तक 22 दिन चलेगा. सत्र के दूसरे दिन देश का आम बजट आने वाला है. इससे पहले आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आर्थिक सर्वे देश के सामने पेश करेंगे. दोनों ही चीजें देश की अर्थ व्यवस्था से जुड़ी हैं. हालांकि, कई लोगों को इन दोनों में अंतर पता नहीं होता है. आइये समझते हैं आम बजट और आर्थिक सर्वे में क्या अंतर है और इन दोनों की खासियत क्या होता है?
संविधान के अनुच्छेद 112 के अनुसार, वार्षिक वित्तीय विवरण को ही केंद्रीय बजट कहा जाता है. इसमें सरकार अनुमानित प्राप्तियों और व्यय की घोषणा है. इसमें की गईं सिफारिशें एक साल के लिए लागू होती है. हालांकि, सरकार आर्थिक पेश करने के लिए बाध्य नहीं है. ये परंपरागत है न कि संवैधानिक. इस कारण इसकी सिफारिशें मानने के लिए भी सरकार बाध्य नहीं है.
वार्षिक आर्थिक सर्वेक्षण वित्त मंत्रालय का महत्वपूर्ण प्रकाशन है. इसमें आने वाले साल के लिए रूपरेखा सामने रखी जाती है. इसके साथ ही पिछले साल के परफामेंस को लेकर भी बात की जाती है. इसमें पिछले साल देश की अर्थव्यवस्था के मुख्य क्षेत्रों और समग्र आर्थिक स्थिति का विवरण होता है. इस तरह से ये देश के आर्थिक हालातों की चर्चा और विश्लेषण है.
संविधान के अनुच्छेद 112 में इसका जिक्र मिलता है. हालांकि, वहां बजट शब्द के स्थान पर 'वार्षिक वित्तीय विवरण' नाम का उपयोग किया गया है. इसे ही आम बोलचाल में आम बजट या केंद्रीय बजट कहा जाता है. इसमें सरकार प्रत्याशित प्राप्तियों और व्यय की घोषणा करती है. इसके साथ ही इसमें तमाम विभागों और काम के लिए बजट अलॉट किया जाता है.
- आर्थिक सर्वे पिछले वित्तीय वर्ष में अर्थव्यवस्था में हुए परिवर्तनों की समीक्षा है. इसमें सरकार नीतिगत लक्ष्यों और अर्थव्यवस्था संभावनाओं पर बात करती है. वहीं संघीय सरकार का केंद्रीय बजट में आगामी वर्ष के लिए अपने राजस्व और व्यय का अनुमान बताता है. इसमें सरकार घोषणाएं करती है.
- 1964 से आर्थिक रिपोर्ट बजट के एक दिन पहले आने लगी. इसके बाद से ये परंपरा अभी तक जारी है. आर्थिक सर्वेक्षण केंद्रीय बजट के अगले दिन आम बजट पेश किया जाने लगा.
- साल 1950-1951 में पहला आर्थिक सर्वेक्षण तैयार किया गया गया था और लोकसभा में पेश हुआ था. वहीं केंद्रीय बजट 26 नवंबर, 1947 को पहली बार पेश किया गया था. बजट ने महज अर्थव्यवस्था की जांच की और इसमें कोई नया कर नहीं था.