नई दिल्ली. भारत के प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अमेज़न और फ्लिपकार्ट से जुड़ी कई विक्रेताओं के खिलाफ छापेमारी की. यह छापेमारी दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद और बेंगलुरु जैसे प्रमुख शहरों में की गई. यह कार्रवाई भारत के विदेशी निवेश कानूनों के कथित उल्लंघन की जांच के तहत की जा रही है. यह छापेमारी भारत की प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) द्वारा इन प्लेटफॉर्म्स के कामकाजी तरीकों पर उठाए गए सवालों के बाद शुरू की गई.
CCI ने अमेज़न और फ्लिपकार्ट पर संदेह जताया था कि इन कंपनियों ने विदेशी निवेश कानूनों का उल्लंघन किया है, जिससे स्थानीय खुदरा व्यापारियों को नुकसान हुआ है. विदेशी कंपनियों द्वारा फंडेड इन प्लेटफॉर्म्स की गतिविधियों का यह जांच, भारतीय बाजार में स्थानीय व्यापारियों को संरक्षण देने के उद्देश्य से की जा रही है.
छापेमारी की मुख्य वजह
ED द्वारा की जा रही छापेमारी का मुख्य कारण यह है कि जांच की जा रही है कि क्या इन ई-कॉमर्स कंपनियों ने विदेशी मुद्रा कानूनों का उल्लंघन किया है, और क्या इन प्लेटफॉर्म्स ने कुछ विक्रेताओं को दूसरों की तुलना में अधिक लाभ पहुंचाया है. इस प्रकार के कार्यों से वस्तुओं की कीमतों पर प्रभाव पड़ता है और यह व्यापार में प्रतिस्पर्धा को विकृत कर सकता है।
एंटीट्रस्ट रिपोर्ट और जांच
यह जांच भारत के एंटीट्रस्ट प्राधिकरण की एक पुरानी रिपोर्ट के बाद शुरू हुई थी. रिपोर्ट में यह आरोप लगाए गए थे कि अमेज़न और फ्लिपकार्ट ने कुछ विक्रेताओं को पक्षपाती तरीके से लाभ दिया और इस तरह से प्रतियोगिता को विकृत किया. यह आरोप दोनों कंपनियों के खिलाफ गंभीर जांच का कारण बने हैं, और अब ED इन कंपनियों के संचालन में गड़बड़ी की संभावना को लेकर विक्रेताओं की गतिविधियों की समीक्षा कर रहा है.
ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए एक बड़ा संदेश
यह छापेमारी भारत में ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए एक बड़ा संदेश है. खासकर विदेशी निवेश के मामले में ED और CCI द्वारा की जा रही यह जांच स्थानीय व्यापारियों के अधिकारों की रक्षा करने और विदेशी निवेश कानूनों का पालन सुनिश्चित करने के लिए की जा रही है. First Updated : Friday, 08 November 2024