56 करोड़ रुपये के भूमि घोटाले में सिद्धारमैया और उनके परिवार का नाम! ईडी ने खोला बड़ा राज!
कर्नाटका के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उनके परिवार पर 56 करोड़ रुपये के भूमि घोटाले में घिरने के आरोप लगे हैं. ईडी ने उनके खिलाफ अवैध भूमि अधिसूचना और धोखाधड़ी से भूमि रूपांतरण के मामले की जांच शुरू कर दी है. इस मामले में मुडा अधिकारियों का भी हाथ बताया जा रहा है. खास बात यह है कि सिद्धारमैया की पत्नी को कथित रूप से अवैध तरीके से भूखंड आवंटित किए गए थे. अब सवाल यह उठता है कि ये सभी आरोप सिद्धारमैया और उनके परिवार के लिए कितने गंभीर हो सकते हैं? पूरी कहानी जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर!
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Land Scam Case: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, उनके परिवार और मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (मुडा) के अधिकारियों पर 56 करोड़ रुपये के भूमि घोटाले की जांच शुरू की है. इसमें अवैध भूमि अधिसूचना, धोखाधड़ी से भूमि रूपांतरण और राजनीतिक प्रभाव के दुरुपयोग का आरोप लगाया गया है.
क्या था घोटाला?
ईडी की रिपोर्ट के अनुसार, यह घोटाला सरकारी रिकॉर्ड में हेराफेरी, जालसाजी और राजनीतिक दबाव के तहत किया गया. खास बात ये है कि यह घोटाला उन भूमि पर हुआ, जो पहले मुडा ने सार्वजनिक विकास के लिए अधिग्रहित की थी. बिना विशेषज्ञ समीक्षा के इन भूमि का विमुद्रीकरण किया गया, जब सिद्धारमैया उपमुख्यमंत्री थे.
फर्जी रूपांतरण और धोखाधड़ी
जांच में यह भी पता चला कि भूमि के फर्जी रूपांतरण के दौरान कुछ अधिकारियों ने झूठा दावा किया कि उन्होंने मौके पर निरीक्षण किया था. इसके अलावा, मुडा ने भूमि पर किए गए विकास कार्यों को नजरअंदाज किया और अनधिकृत निर्माणों को सही बताया.
सिद्धारमैया परिवार का नाम
इस मामले में सबसे विवादास्पद हिस्सा सिद्धारमैया की पत्नी, बीएम पार्वती को अवैध रूप से भूमि आवंटित करना है. 14 प्रमुख स्थानों पर भूखंड आवंटित किए गए थे, जो बाद में ईडी की जांच शुरू होने के बाद वापस किए गए. इन भूखंडों का आवंटन कथित राजनीतिक दबाव के जरिए किया गया था.
जांच में और क्या खुलासा हुआ?
ईडी ने सिद्धारमैया के बेटे यतींद्र की भूमिका की भी जांच की है, जो उस समय विधायक और मुडा बोर्ड के सदस्य थे. इसके अलावा, सिद्धारमैया के करीबी सहयोगी एसजी दिनेश कुमार पर आरोप हैं कि उन्होंने पार्वती के पक्ष में अनियमितताओं को अंजाम दिया.
आगे की कार्रवाई
ईडी ने इस मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत कार्रवाई की है. जांच में अब वित्तीय लेन-देन और अवैध संपत्ति छिपाने के मामलों पर ध्यान दिया जा रहा है. इस घोटाले में मुडा के तत्कालीन कमिश्नर डीबी नटेश और अन्य अधिकारियों की मिलीभगत भी सामने आई है.
सिद्धारमैया और परिवार की मुश्किलें बढ़ीं
यह घोटाला सिद्धारमैया और उनके परिवार के लिए नई परेशानियों का कारण बन सकता है. ईडी की जांच से राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है और मामले में और कई नाम सामने आ सकते हैं.