VVPAT: कांग्रेस नेता जयराम रमेश को चुनाव आयोग का जवाब, ईवीएम को बताया सुरक्षित, चर्चा के प्रस्ताव को ठुकराया
Election Commission: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पार्टी महासचिव जयराम रमेश द्वारा वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल यानी की (वीवीपीएटी) को लेकर उठाई गई चिंताओं को चुनाव आयोग ने खारिज कर दिया है.
Election Commission Reply To Jairam Ramesh: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पार्टी महासचिव जयराम रमेश द्वारा वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल यानी की (वीवीपीएटी) को लेकर उठाई गई चिंताओं को चुनाव आयोग ने खारिज कर दिया है. शुक्रवार, (5 जनवरी) को कांग्रेस महासचिव के प्रस्ताव को ठुकराते हुए इलेक्शन कमिशन ने कहा कि आयोग को चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) का उपयोग करने में पूर्ण विश्वास है और यह पूरी तरह से सुरक्षित है.
बता दें कि जयराम रमेश ने पिछले साल 30 दिसंबर को चुनाव आयोग को पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (INDIA) के एक प्रतिनिधिमंडल को वीवीपैट पर्चियों पर अपने विचार रखने के लिए समय दिया जाए.
चुनाव आयोग ने जवाब में क्या कहा?
कांग्रेस नेता जयराम रमेश को दिए गए जवाब में चुनाव आयोग ने उन्हें इस विषय पर अपने अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न और 23 अगस्त, 2023 की प्रतिक्रिया के बारे में बताया और कहा कि पेपर पर्चियों को नियंत्रित करने वाले नियम को साल 2013 में कांग्रेस की सरकार द्वारा पेश किया गया था. चुनाव आयोग के प्रधान सचिव प्रमोद कुमार शर्मा द्वारा जारी पत्र में आगे कहा गया है, "चुनाव संचालन नियम, 1961 के नियम 49 (A) और 49 (M) वीवीपीएटी को नियंत्रित करना और पेपर पर्चियों को संभालना कांग्रेस द्वारा 14 अगस्त 2013 को पेश किया गया था. "
इसमें आगे कहा गया है कि भारतीय चुनावों में उपयोग में आने वाली ईवीएम मौजूदा कानूनी ढांचे के अनुरूप हैं, जो उस समय की केंद्र सरकार द्वारा बनाई और मजबूत की गई थीं.
सुप्रीम कोर्ट ने खारिज किया था याचिका
पिछले साल 19 दिसंबर को एक बैठक में विपक्ष ने ईवीएम की कार्यप्रणाली की अखंडता पर संदेह व्यक्त किया था. वह यह भी चाहती थी कि मतदाताओं को वीवीपैट पर्चियां सौंपी जाएं. शर्मा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली उच्च न्यायालय ने पहले भारतीय चुनाव में ईवीएम और वीवीपैट के इस्तेमाल के खिलाफ तीन अलग-अलग याचिकाओं को खारिज कर दिया था.
ईवीएम पर अपने 19 दिसंबर के प्रस्ताव में, इंडिया ब्लॉक पार्टियों ने ईवीएम के डिजाइन और संचालन के बारे में अपनी चिंताओं को दोहराया और उल्लेख किया कि उन्होंने चुनाव निकाय को एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा है. “वीवीपीएटी पर्ची को बॉक्स में गिराने के बजाय, इसे मतदाता को सौंप दिया जाना चाहिए, जो अपनी पसंद को सत्यापित करने के बाद इसे एक अलग मतपेटी में रखेगा. फिर वीवीपैट पर्चियों की 100% गिनती की जानी चाहिए.