चुनाव के नतीजों ने मोदी की आंखें नहीं खोली, UAPA कानून पर फूटा असदुद्दीन ओवैसी का गुस्सा

एआईएमआईएम (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने एक बार फिर से UAPA कानून के तहत केंद्र की मोदी सरकार को घेरा है, उनका कहना है कि लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों को देखने के बाद भी पीएम मोदी की आंखें नहीं खुली है, UAPA कानून के आधार पर मुसलमानों, आदिवासियों और दलितों की जिंदगियों के साथ खेला जा रहा है, इसलिए मैंने हमेशा से इस कानून का विरोध किया है.

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देश में किसी भी कानून को बनाने का मतलब होता है, समाज हित में सोचना. मगर कई काननू ऐसे भी होते हैं जिनके ऊपर हमेशा सवाल उठाए जाते हैं. दरअसल असदुद्दीन ओवैसी ने आज यानी शनिवार को अपने दिए बयान में गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) को लेकर अपनी बात रखी है. उन्होंने इस कानून को बेरहम कानून बताया है, उनका कहना है कि इस कानून के आधार पर न जाने कितने मुसलमानों, आदिवासियों और दलितों की जिन्दगी के साथ खिलवाड़ किया गया है. 

ओवैसी ने आगे कहा कि मुझे इस बात का यकीन था कि पीएम मोदी लोकसभा चुनाव के नतीजे देखने के बाद अपनी आंखें खोल लेंगे. मगर उनकी आंखे अब तक खुल नहीं पाई है. UAPA का कानून आज फिर से चर्चा का विषय बना हुआ है, इस कानून ने न जाने कितने मुसलमान, दलित और आदिवासी नौजवानों को जेल में बंद करके उनकी जिंदगियां बर्बाद कर दी है. इतना ही नहीं यह कानून एक 85 वर्षीय स्टैन स्वामी की मृत्यु की वजह भी है.  

UAPA का कानून आज फिर से चर्चा में है। यह एक इंतिहाई बेरहम क़ानून है जिसकी वजह से न-जाने कितने हज़ार मुसलमान, दलित और आदिवासी नौजवानों को जेल में बंद करके उनकी जिंदगियां बर्बाद कर दी गई। यह क़ानून एक 85 वर्षीय स्टैन स्वामी की मौत का कारण बना।

इस क़ानून को कांग्रेस सरकार ने 2008… — Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) June 15, 2024

 

असदुद्दीन ओवैसी ने दिया सख्त बयान 

असदुद्दीन ओवैसी का कहना है कि इस कानून को कांग्रेस सरकार ने जब साल 2008 और 2012 में और सख्त बनाया था. उस वक्त भी मैंने इसकी मुखालफत की थी. साल 20219 में बीजेपी ने एक बार फिर से इसे प्रावधान में लाया तब भी मैंने अपनी आवाज उठाई थी. ओवैसी ने कहा कि मैंने सोचा मोदी 3.0 के रिजल्ट से कुछ सीखेंगे मगर उनकी आंखे अब तक खुल न पाई, जुल्म और ज्यादतियों का ये सिलसिला लगता है जारी रहेगा.  

UAPA के तहत मिला था मुकदमे का आदेश

बीते कुछ समय पहले दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने अरुंधति रॉय और कश्मीर के पूर्व प्रोफेसर शेख शौकत हुसैन के खिलाफ मुकदमा चलाने को मंजूरी दी थी जो UAPA के तहत था. उपराज्यपाल का कहना था कि इन दोनों के खिलाफ यूएपीए की धारा 45(1) तहत केस चलेगा. दरअसल साल 2010 में रॉय और हुसैन ने कश्मीर को लेकर भारत के खिलाफ बयान दिया था जो बिल्कुल भड़काऊ था, इस दरमियान जम्मू-कश्मीर को आजाद करने की बात बताई गई थी. उनका कहना था कि जम्मू-कश्मीर कभी भारत का भाग नहीं था, इसे जबरदस्ती कब्जाया गया है.   First Updated : Sunday, 16 June 2024