Emergency Special: जब पुलिस ने नीतीश की कनपटी पर रख दी थी बंदूक, आज भी उस दौर को याद कर सहम जाते हैं लोग, पढ़िए उस समय का काला सच
मिडिया पर भी सेंसशिप लगा दी गयी थी, और विपक्ष के कई नेताओं को जेल में डाल दिया था, जिसमें से अटल और अडवाणी सरीखे भी शामिल थे। जेल जाने वालों में से एक बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार भी थे,
हाइलाइट
- नीतीश को गिरफ्तार करने के लिए 20 पुलिस के सिपाही सादा कपड़ों में पहुंचे थे।
Emergency Special: ' न पूछो यह कि क्या हमारी कहानी है, हमारी पहचान तो सिर्फ एक है कि हम हिंदुस्तानी हैं', यह किस्सा है लोकतंत्र का और कातिल है लोकतंत्र की सबसे ऊंची कुर्सी, और यह बात है 25 जून साल 1975 की। आज 48 साल बाद लोकतंत्र के उस सबसे काले पन्ने को दोबारा से खोलकर देखें तो आपको वह कहानी जानने को मिलेगी जिससे आप शायद परिचित न हों।
क्योंकि आज भले ही साल बदल गया लेकिन तारीख वही है 25 जून, जब आधी रात को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी द्वारा 21 महीनों के लिए पूरे देश में आपातकाल लागू कर दिया गया था। ऐसा कहते हैं कि इंदिरा गाँधी ने यह फैसला बिना किसी कैबिनेट की मर्ज़ी और सलाह - मशवरे के लिया था। उनके इस एक फैसले ने पूरे देश की जनता के सभी अधिकार रातों - रात छीन लिए गए थे। जिसकी वजह से भारत के उस दौर को विवादास्पद माना जाता है।
इसके अलावा मिडिया पर भी सेंसशिप लगा दी गयी थी, और विपक्ष के कई नेताओं को जेल में डाल दिया था, जिसमें से अटल और अडवाणी सरीखे भी शामिल थे। जेल जाने वालों में से एक बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार भी थे, जो उस समय एक छात्र नेता थे और JP आंदोलन का हिस्सा भी थे। जब आंदोलन खत्म हुआ उसके बाद नीतीश एक कमाल के बड़े राजनेता के रूप में निखर कर सामने आये। नीतीश जब आज भी 25 जून 1975 के उस दौर को याद करते हैं तो वह सहम से जाते हैं। क्योंकि आपातकाल के उस दौर में बड़े नेताओं के साथ - साथ उन पर भी पुलिस ने अच्छा - ख़ासा ईनाम रखा था।
नीतीश के सिर पर पुलिस ने रखा था ईनाम
पुलिस ने जब नितीश को जेल में डाला तो 15 पुलिस पदाधिकारियों और सिपाहियों को 2750 रुपये का ईनाम दिया गया। नीतीश को आपातकाल के दौरान 9 जून 1976 की रात को भोजपुर जिले संदेश थाना दुबौली गांव से गिरफ्तार किया गया था। जिसका जिक्र भोजपुर के तत्कालीन DM K. JHA ने अपनी एक रिपोर्ट में भी किया है। भोजपुर के तत्कालीन DM K. JHA और SP वाई एन श्रीवास्तव ने संयुक्त रिपोर्ट (62/75) में उच्चाधिकारियों को पत्र भेजते हुए यह जानकारी दी थी की उन्हें एक गुप्त सूचना मिली की पटना और भोजपुरी के आंदोलनकारी दुबौली गांव में बैठक करने वाले हैं।
नीतीश की कनपटी पर रख दी थी बंदूक
नीतीश को गिरफ्तार करने के लिए 20 पुलिस के सिपाही सादा कपड़ों में पहुंचे थे। ऐसा कहा जाता है कि नीतीश की कनपटी पर बंदूक रखकर उनको हथकड़ी पहनाई गयी थी। जिसके बारे में एक बार खुद साल 2019 में नीतीश कुमार ने बताया था।