'हर क्रिया की प्रतिक्रिया होती है', कुणाल कामरा के 'गद्दार' वाले कमेंट पर एकनाथ शिंदे का पहला रिएक्शन

Kunal Kamra controversy: महाराष्ट्र में स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा की 'गद्दार' टिप्पणी पर बढ़ते विवाद के बीच उपमुख्यमंत्री और शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने पहली बार प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा स्टूडियो में की गई तोड़फोड़ से खुद को अलग करते हुए कहा, "हर क्रिया की प्रतिक्रिया होती है."

Shivani Mishra
Edited By: Shivani Mishra

Kunal Kamra controversy: महाराष्ट्र में स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा की विवादित टिप्पणी के बाद उपजे बवाल के बीच राज्य के उपमुख्यमंत्री और शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने अपनी पहली प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने खुद को पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा मुंबई स्थित एक स्टूडियो में की गई तोड़फोड़ से अलग बताया है, लेकिन साथ ही न्यूटन के तीसरे नियम का हवाला देते हुए कहा, "हर क्रिया की प्रतिक्रिया होती है." शिंदे के इस बयान से जहां विवाद और गहराने की संभावना है, वहीं इससे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और राजनीतिक टकराव को लेकर नई बहस छिड़ गई है.

मुंबई के हैबिटेट स्टूडियो में शूट किए गए शो में कुणाल कामरा ने 1997 की सुपरहिट फिल्म दिल तो पागल है के लोकप्रिय गाने "भोली सी सूरत" की पैरोडी के जरिए एकनाथ शिंदे पर तंज कसा और उन्हें "गद्दार" कहा. इस टिप्पणी के बाद शिवसेना कार्यकर्ताओं ने स्टूडियो पर हमला कर वहां तोड़फोड़ की. इसके बाद नगर निगम ने भी भवन नियमों के उल्लंघन का हवाला देते हुए स्टूडियो के कुछ हिस्सों को ध्वस्त कर दिया. इस पूरे घटनाक्रम पर शिंदे की प्रतिक्रिया का इंतजार किया जा रहा था, जो अब सामने आ चुकी है.

"मैं तोड़फोड़ का समर्थन नहीं करता, लेकिन..."

एकनाथ शिंदे ने बीबीसी मराठी से बातचीत में कहा कि वह स्टूडियो में हुई तोड़फोड़ का समर्थन नहीं करते, लेकिन उन्होंने इसे पार्टी कार्यकर्ताओं की भावनाओं की स्वाभाविक प्रतिक्रिया करार दिया. उन्होंने कहा कि, उनके खिलाफ बहुत सारे आरोप लगाए गए हैं, लेकिन वे काम से जवाब देते हैं. वो इसका समर्थन नहीं करते. लेकिन यह पार्टी कार्यकर्ताओं की भावनाओं के कारण हुआ. हर क्रिया की प्रतिक्रिया होती है.

शिंदे ने यह भी आरोप लगाया कि कुणाल कामरा की इस टिप्पणी के पीछे विपक्ष की साजिश है. उन्होंने कहा कि, अब लोगों ने विपक्ष को बता दिया है, लेकिन वे अपने तौर-तरीके नहीं बदल रहे हैं. किसी के बारे में गलत बोलना, उसका अपमान करना—यह एक सोची-समझी साजिश है.

कुणाल कामरा पर क्यों मचा बवाल?

कुणाल कामरा ने अपने शो में एकनाथ शिंदे पर कटाक्ष करते हुए उन्हें "गद्दार" कहा था. उनका इशारा 2022 की उस राजनीतिक उठापटक की ओर था, जब शिंदे ने उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत कर उनकी सरकार गिरा दी थी और इसके बाद शिवसेना दो गुटों में बंट गई थी.

कामरा के इस व्यंग्य के बाद शिवसेना कार्यकर्ताओं ने मुंबई के खार इलाके में स्थित हैबिटेट स्टूडियो में घुसकर जमकर तोड़फोड़ की. इसके बाद स्टूडियो ने आधिकारिक रूप से बंद होने की घोषणा की और कहा, "हम इस बर्बरता से स्तब्ध, चिंतित और बेहद टूटे हुए हैं. कलाकार अपने विचारों और रचनात्मकता के लिए जिम्मेदार होते हैं, लेकिन हर बार हमें निशाना बनाया जाता है."

कानून सब पर समान रूप से लागू होगा?

इस पूरे प्रकरण में कुणाल कामरा के खिलाफ कई एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं. उन्होंने माफी मांगने से इनकार कर दिया है और कहा है कि वह किसी भी कानूनी कार्रवाई के लिए पुलिस और अदालतों का सहयोग करेंगे. लेकिन उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि क्या कानून स्टूडियो में तोड़फोड़ करने वालों पर भी उतनी ही सख्ती से लागू होगा?

स्टूडियो पर हुए हमले के बाद, मुंबई की नगर निगम (BMC) की एक टीम ने भवन नियमों के उल्लंघन का हवाला देते हुए स्टूडियो के कुछ हिस्सों को गिरा दिया. इसे लेकर भी विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि प्रशासन चुनिंदा तरीके से कार्रवाई कर रहा है.

"कुणाल कामरा ने सच कहा" - विपक्ष 

शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) और अन्य विपक्षी दलों ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और कुणाल कामरा का समर्थन किया है. उद्धव ठाकरे ने कहा, "कुणाल कामरा ने सच कहा है. यह व्यंग्य नहीं था. जो लोग चोरी करते हैं, वे 'गद्दार' हैं. जब देशद्रोहियों की बात आती है, तो 'अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता' की बात नहीं की जा सकती."

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25 March 2025, 12:25 PM IST

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