EVM को हैक करने का मामला: इंडिया गठबंधन के साथी ही काट रहे कांग्रेस की बात
EVM Hacking Case: इंट्रो-उमर अब्दुल्ला ने कांग्रेस द्वारा लगाए गए आरोपों को नकारा है और टीएमसी ने कांग्रेस के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है. अभिषेक बनर्जी ने ईवीएम पर उठाए गए सवालों को खारिज किया और टीएमसी नेताओं ने ईवीएम हैकिंग को लेकर चुनाव आयोग से चुनौती दी है. इस मामले में चुनाव आयोग से डेमो दिखाने की अपील भी की गई है.
EVM Hacking Case: खबर की शुरुआत-कांग्रेस की ओर से ईवीएम को लेकर लगाए गए आरोपों से बवाल हुआ है. जम्मू कश्मीर में कांग्रेस के सहयोग से बने सीएम अमर अब्दुल्ला ने कांग्रेस के आरोपों से सिरे खारिज कर दिया है. इसके बाद अब तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) भी कांग्रेस के खिलाफ खड़ी हो गई और उसके सारे आरोपों को गलत ठहराया है. टीएमसी के सांसद और महासचिव, अभिषेक बनर्जी ने कहा कि अगर कांग्रेस को ईवीएम को हैक करने की जानकारी है तो उसे सोशल मीडिया पर लाइव होकर यह जानकारी देनी चाहिए.
अभिषेक बनर्जी ने कहा कि अगर किसी को लगता है कि ईवीएम को हैक किया जा सकता है, तो उन्हें चुनाव आयोग को दिखाना चाहिए कि ऐसा कैसे किया जा सकता है। अगर ईवीएम का रैंडमाइजेशन सही तरीके से हुआ हो और बूथ पर मॉक पोल और काउंटिंग के दौरान सब कुछ ठीक से किया गया हो, तो मुझे नहीं लगता कि इन आरोपों में कोई सच्चाई है। उन्होंने आगे कहा कि अगर अभी भी किसी को यह लगता है कि ईवीएम को हैक किया जा सकता है, तो उन्हें चुनाव आयोग से मिलकर यह बताना चाहिए कि यह कैसे संभव है. केवल बेमानी बयानबाजी से कुछ नहीं होगा।"
बीजेपी का पलटवार
इस पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने पलटवार किया। केंद्रीय मंत्री सतीश चंद्र दुबे ने कहा कि अब टीएमसी नेता को सच्चाई का एहसास हुआ है. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि हाल ही में दो चुनाव हुए हैं, जम्मू-कश्मीर और झारखंड में. जम्मू-कश्मीर में इंडिया गठबंधन ने जीत हासिल की, तब ईवीएम पर कोई सवाल नहीं उठे. झारखंड में भी इंडिया गठबंधन ने जीत हासिल की, और कोई आरोप नहीं लगाए गए. उन्होंने कहा कि झूठ के आधार पर कोई गठबंधन लंबे समय तक नहीं चल सकता.
कांग्रेस और विपक्षी दलों का ईवीएम पर संदेह
कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों ने हरियाणा और महाराष्ट्र चुनावों के बाद ईवीएम पर सवाल उठाए थे. बीजेपी ने झारखंड के चुनाव परिणामों का हवाला देते हुए कहा कि विपक्ष केवल तब ईवीएम पर सवाल उठाता है. जब इंडिया गठबंधन चुनाव हारता है।
उमर अब्दुल्ला का बयान
कांग्रेस के कुछ सहयोगी दलों ने ईवीएम पर कांग्रेस के आक्रामक रुख की आलोचना की है. जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि चुनावी प्रक्रिया पर सवाल उठाने में निरंतरता होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि जब संसद में सौ से ज्यादा सदस्य जीतते हैं, तो आप उसे पार्टी की जीत मानते हैं. लेकिन जब नतीजे आपकी इच्छानुसार नहीं आते, तो आप कहते हैं कि ईवीएम में गड़बड़ी है.
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि अगर आपको ईवीएम से समस्या है, तो आपको अपनी आलोचना में निरंतरता बनाए रखनी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि अगर पार्टियां चुनावी प्रक्रिया पर भरोसा नहीं करतीं, तो उन्हें चुनाव में भाग नहीं लेना चाहिए.
कांग्रेस का प्रतिक्रिया
उमर अब्दुल्ला के बयान पर कांग्रेस ने कड़ा विरोध किया है. कांग्रेस सांसद बी मणिकम टैगोर ने सवाल उठाया कि मुख्यमंत्री बनने के बाद उमर अब्दुल्ला कांग्रेस के सहयोगियों के प्रति ऐसा रवैया क्यों अपना रहे हैं. उन्होंने कहा कि "समाजवादी पार्टी, एनसीपी और शिवसेना यूबीटी ने ईवीएम के खिलाफ बयान दिया है, लेकिन अब्दुल्ला इस तरह का रुख क्यों अपना रहे हैं?
इंडिया गठबंधन की अगुवाई को तैयार ममता!
अभिषेक बनर्जी के बयान के बाद एक बार फिर इंडिया गठबंधन के अंदर की खींचतान बाहर आ गई है. दरअसल, ममता बनर्जी ने हाल ही में कहा कि अगर उन्हें मौका मिला तो वह इंडिया गठबंधन की अगुवाई करने के लिए तैयार हैं. लालू यादव, शरद पवार और अखिलेश यादव ने भी ममता बनर्जी का समर्थन किया है.