India in 2025 Major Meetings: जैसे-जैसे 2025 की शुरुआत करीब आ रही है, भारत अपनी विदेश नीति को नए तरीके से आकार देने के लिए काम कर रहा है। जनवरी के मध्य में, भारत का राजनयिक कैलेंडर सिंगापुर के राष्ट्रपति थर्मन षणमुगरत्नम की यात्रा से शुरू होगा। इसके बाद, भारत में कई महत्वपूर्ण शिखर सम्मेलन और यात्रा योजनाएं तय हैं, जो देश की वैश्विक स्थिति को और मजबूत करने में मदद करेंगी।
एस जयशंकर का अमेरिका दौरा: नई शुरुआत की ओर
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर इस सप्ताह अमेरिका की यात्रा पर जाएंगे। इस यात्रा के दौरान, वह न केवल मौजूदा बाइडेन प्रशासन से मुलाकात करेंगे, बल्कि आने वाले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के अधिकारियों से भी बातचीत करेंगे। ट्रंप प्रशासन के साथ करीबी रिश्ते बनाने के उद्देश्य से यह बैठकें बेहद महत्वपूर्ण हो सकती हैं। इसके बाद, जयशंकर ट्रंप के शपथ ग्रहण के बाद भारत में क्वाड शिखर सम्मेलन के लिए ट्रंप की यात्रा की तारीख तय करने पर भी चर्चा कर सकते हैं।
भारत और रूस के रिश्तों को और मजबूत करने की दिशा
भारत और रूस के बीच रणनीतिक संबंधों को और गहरा करने के लिए, भारत रूस के साथ वार्षिक शिखर सम्मेलन की मेज़बानी करेगा। इस सम्मेलन के दौरान, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी भारत आ सकते हैं। यह यात्रा रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद पुतिन की पहली भारत यात्रा हो सकती है, जो दोनों देशों के रिश्तों के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण होगी।
चीन और ब्रिक्स शिखर सम्मेलन: भारत की ताकत बढ़ेगी
2025 के मध्य में, भारत ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का आयोजन ब्राजील में करेगा, जबकि एससीओ शिखर सम्मेलन चीन में होगा। इन शिखर सम्मेलनों के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके रूसी तथा चीनी समकक्षों के बीच महत्वपूर्ण बातचीत होने की संभावना है। खासकर चीन के साथ प्रधानमंत्री मोदी की संभावित बैठक पर सबकी नजरें होंगी, क्योंकि लद्दाख में एलएसी की स्थिति सामान्य होती दिख रही है।
यूरोपीय संघ और भारत का अगला शिखर सम्मेलन
भारत और यूरोपीय संघ के बीच अगला शिखर सम्मेलन नई दिल्ली में आयोजित होने वाला है, जिसमें कई यूरोपीय नेताओं के भारत दौरे की संभावना है। इस शिखर सम्मेलन से भारत और यूरोपीय संघ के बीच रिश्तों को एक नई दिशा मिलने की उम्मीद है।
चीन, फ्रांस और जापान की यात्रा की योजनाएं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आगामी यात्राओं में फ्रांस और जापान की यात्रा भी शामिल हो सकती है। फरवरी के अंत में, वह फ्रांस जाने की योजना बना सकते हैं और जापान में वार्षिक शिखर सम्मेलन में भी भाग ले सकते हैं।
दक्षिण अफ्रीका और मलेशिया में जी-20 और आसियान सम्मेलन
2025 के उत्तरार्ध में, जी-20 शिखर सम्मेलन दक्षिण अफ्रीका में और आसियान शिखर सम्मेलन मलेशिया में आयोजित किए जाएंगे। प्रधानमंत्री मोदी इन बैठकों में भाग लेने के लिए इन देशों की यात्रा कर सकते हैं, जो भारत के वैश्विक कूटनीतिक एजेंडे को और मजबूत करेगा।
नए साल में भारत की विदेश नीति को लेकर आशाएं
2025 का कूटनीतिक कैलेंडर भारत के लिए काफी अहम साबित होने वाला है। सिंगापुर, रूस, चीन, यूरोपीय संघ, और अमेरिका के साथ होने वाली उच्चस्तरीय बैठकें और शिखर सम्मेलन, देश की विदेश नीति को नई दिशा देने में अहम भूमिका निभाएंगे। साथ ही, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश यात्राएं भारत को वैश्विक कूटनीति में एक नई पहचान दिलाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती हैं।
2025 में भारत का राजनयिक कैलेंडर वाकई रोमांचक और सक्रिय रहेगा, और इस साल भारत की कूटनीति दुनिया भर में एक नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ेगी। First Updated : Thursday, 26 December 2024